फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यूअल पर रोक

By: Sep 1st, 2019 12:01 am

शिमला – प्रदेश उच्च न्यायालय ने गाडि़यों के फिटनेस सर्टिफिकेट के रिन्यूअल में हुई देरी के लिए प्रतिदिन के हिसाब से अतिरिक्त शुल्क वसूलने के आदेशों पर स्थग्न आदेश पारित कर दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश वी रामासुब्रामनियन व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने मांगल लैंड लूजर्ज को-आपरेटिव सोसायटी द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात ये आदेश पारित किए। याचिका में प्रार्थी समिति का आरोप है कि सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स के तहत गाडि़यों की फिटनेस की रिन्यूअल में हुई देरी के लिए अतिरिक्त फीस 50 रुपए  प्रतिदिन के हिसाब से देने का जो प्रावधान बनाया गया है, वह कानूनी तौर पर गलत है। जबकि गाड़ी की रिन्यूअल फीस 200 रुपए रखी गई है। वहीं प्रदेश उच्च न्यायालय ने रसायन शास्त्र प्रवक्ता के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के डीओ नोट के आधार पर जारी ट्रांसफर आदेशों को रद्द कर दिया। न्यायाधीश धर्मचंद चौधरी व न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने यह पाया कि स्थानांतरण आदेश ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री द्वारा जारी डीओ नोट के आधार पर किया गया है, जबकि हाई कोर्ट द्वारा विभिन्न मामलों में पारित निर्णयों के दृष्टिगत डीओ नोट के आधार पर जारी स्थानांतरण आदेश कानूनन मान्य नहीं है। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार प्रार्थी सुरेंद्र कुमार को ऊना जिला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला अरलू से वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जोआर के लिए स्थानांतरित किया गया था। न्यायालय ने स्थानांतरण आदेशों को कानून के विपरीत पाते हुए रद्द कर दिया।


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