भाजपा के लिए उलझन बने उपचुनाव

By: Sep 21st, 2019 12:07 am

धर्मशाला, पच्छाद में टिकट के दावेदारों की फौज ने संकट में डाले सरकार और पार्टी

शिमला – हिमाचल में प्रस्तावित विधानसभा उपचुनाव सरकार तथा संगठन के लिए उलझन बन गई है। धर्मशाला और पच्छाद में टिकट के दावेदारों की फौज ने सत्तारूढ़ दल को संकट में डाल दिया है। इसी बीच मंत्रीपद छोड़कर दिल्ली पहुंचे सांसद किशन कपूर भी नाराज हो गए हैं। टिकटार्थियों की लंबी कतार से घिरे किशन कपूर ने संगठन के एक बड़े पदाधिकारी की केंद्रीय हाइकमान से भी शिकायत की है। पिछले दो दिनों से संघ के पदाधिकारियों व केंद्रीय नेताओं से लगातार बैठकें कर रहे किशन कपूर ने अपनी शिकायत में कहा है कि संगठन के एक ताकतवर पदाधिकारी ने धर्मशाला में कई प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं। किशन कपूर ने इससे चुनावों में नुकसान की आशंका जताई है। जाहिर है कि परिवारवाद के खिलाफ भाजपा किशन कपूर के बेटे को टिकट देने के हक में नहीं है। बावजूद इसके किशन कपूर की भूमिका को चुनावों में नकारना आसान नहीं है। यही वजह है कि संघ तथा विद्यार्थी परिषद की पृष्ठभूमि से प्रकट हो रहे टिकटार्थियों की लंबी फौज भाजपा के संतुलन को बिगाड़ रही है। अगले एक-दो दिनों में प्रस्तावित विधानसभा उपचुनावों की घोषणा संभव है। रविवार से पहले संभावित ऐलान के लिए चुनाव आयोग ने पूरी तरह से कमर कस ली है। धर्मशाला से भाजपा के संभावित चेहरों की संख्या दहाई का आंकड़ा पार कर गई है। सिरमौर जिला के पच्छाद में दावेदार सात टिकटार्थियों ने कमोवेश यही स्थिति पार्टी के लिए खड़ी कर दी है। कांग्रेस फिलहाल अपने पुराने प्रत्याशियों पर दाव लगाने की तैयारी में है। इसके चलते पच्छाद से गंगूराम मुसाफिर तथा धर्मशाला से सुधीर शर्मा के चुनावी अखाड़े में उतरने की संभावना है। भाजपा केंद्रीय हाइकमान ने उपचुनावों का पूरा जिम्मा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर छोड़ दिया है। इसके चलते धर्मशाला तथा पच्छाद दोनों ही सीटों पर प्रत्याशियों का पिटारा मुख्यमंत्री अपनी पसंद का खोलेंगे। सत्तारूढ़ दल धर्मशाला में युवा चेहरे पर दांव खेलना चाहता है। भाजपा उपचुनाव में जीत की संभावनाओं की बजाय भविष्य के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहती है। इस कारण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ऐसे चेहरे को उतारने की फिराक में हैं, जो अगले दो दशकों तक पार्टी को मजबूत नेतृत्व दे सके। इस फेहरिस्त में मुख्यमंत्री के सामने कई विकल्प मौजूद हैं। हालांकि मंत्रीपद छोड़कर दिल्ली पहुंचे सांसद किशन कपूर को भी मुख्यमंत्री हर फैसले में विश्वास में ले रहे हैं। इस कारण प्रत्याशी चयन में उलझन बढ़ गई है। इसी प्रकार के हालात सिरमौर के पच्छाद में दिख रहे हैं। कई दावेदारों से लबरेज पच्छाद भाजपा उपचुनाव जीत को लेकर आश्वस्त है। यहां भी चिंता लंबी पारी खेलने वाले नेता की तलाश की है। जीत की हैट्रिक के लिए उपचुनाव में उतर रही भाजपा के पच्छाद में चिंता कम नहीं है। विधानसभा छोड़ कर लोकसभा पहुंचे सुरेश कश्यप अपने करीबी को टिकट दिलाना चाहते हैं। खाद्य निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर भी अपनी पसंद सीएम के आगे रख रहे हैं। सांसद सुरेश कश्यप के रिश्तेदार सुरेंद्र चौहान टिकट मांग रहे हैं। इसी बीच पच्छाद की रणभूमि में बलदेव कश्यप, आशीष सिक्टा, प्रेम सिंह कश्यप, भविन्द्र सिंह, रीना कश्यप तथा जिला परिषद सदस्य दयाल प्यारी अपना दावा पेश कर रही हैं।


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