मजबूत होगी प्राकृतिक खेती की जमीन
संरक्षित खेती के लिए प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय को 22.66 करोड़ का प्रोजेक्ट
पालमपुर – संरक्षित व प्राकृतिक खेती के प्रसार के लिए प्रदेश को अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट मिला है। जानकारी के अनुसार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा योजना के अंतर्गत ‘संरक्षित कृषि व प्राकृतिक खेती एडवांस कृषि प्रौद्यौगिकी केंद्र’ की स्थापना के लिए प्रदेश कृषि विवि को 22.66 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इसके तहत वैज्ञानिकों व स्नातकोतर विद्यार्थियों को कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं से इस आधुनिक विषय पर तीन माह अवधि तक के प्रशिक्षण प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। इसी तरह इस परियोजना से विद्यार्थियों व कृषि अधिकारियों के कौशल विकास में भी सहायता मिलेगी। इस परियोजना के कार्यान्वयन से प्रदेश के विभिन्न इलाकों में फसलों में बीमारियों, कीटों, अंधाधुंध रासायनिक खादों, खरपतवारनाशकों तथा कीटनाशकों से होने वाले नुकसान को कम करने, रसायनमुक्त सब्जियों के उत्पादन तथा पर्यावरण में वांछित गुणवता कायम करने में मदद मिलेगी। जानकारी के अनुसार इसके तहत प्राकृतिक खेती व संरक्षित खेती विषय से जुड़े कृषि विवि के वैज्ञानिक व छात्र इजरायल, ताइवान, आस्ट्रेलिया, यूके आदि देशों में जाकर अनुभव प्राप्त करेंगे। यह कार्यक्रम दो से तीन माह के होंगे, जबकि यह परियोजना तीन वर्ष के लिए होगी।
25.36 करोड़ की शोध परियोजनाएं मंजूर
प्रदेश कृषि विवि के कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल के अनुसार इस महत्त्वपूर्ण परियोजना के साथ 2.70 करोड़ रुपए की छह और परियोजनाएं भी हाल ही में विशविद्यालय को स्वीकृत हुई हैं, जिनमें प्रदेश विभिन्न क्षेत्रों में मुख्य फसलों में पाई जाने वाले बीमारियों तथा रोगजनक कीटों की मैपिंग हेतु लाखों रुपए की परियोजना शामिल है। इसके अतिरिक्त 64 करोड़ रुपए की 145 शोध परियोजनाएं पहले से ही संचालित की जा रही हैं।
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