मनाली बन सकता है आयुर्वेद पर्यटन हब
अमरीकी नागरिक ले रहे खासी दिलचस्पी, आयुर्वेद के अलावा सीख रहे योग के गुर
मनाली –एक ओर जहां भारतीय अपनी चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद से दूरी बना रहे हैं, वहीं विदेशी लोग इस पद्धति पर रुचि लेने लगे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा योगा व आयुर्वेदा का प्रचार करने के बाद दुनिया के अनेक देशों का आयुर्वेद पद्धति पर रुचि दिखाई है। देश व दुनिया मंे मशहूर पर्यटन नगरी मनाली आयुर्वेद का पर्यटन हब बन सकती है। यह कहना है गत दो दशकों से अमरीका में आयुर्वेदा दि वर्ड नामक शिक्षण संस्थान चला रही भारतीय महिला डा. नैना मारबली का। डा. नैना अपने शिक्षण संस्थान के प्रशिक्षुओं को लेकर पहली बार मनाली आई हैं। उन्होंने कहा कि वह मनाली शुरू स्थित स्नो फ्लेक्स रिजार्ट में ठहरे हैं, जहां पर अमरीका से आए इन प्रशिक्षुओं को योग और आयुर्वेद की जानकारी दी जा रही है। महिला डा. ने कहा कि अमरीकी नागरिक मनाली के माहौल को उपयुक्त बता रहे हंै तथा यहां की सुंदर वादियों में सुबह-शाम योग का आनंद ले रहे हैं। डा. नैना ने कहा कि हिमाचल की सरकार आयुर्वेदा पर भी विशेष ध्यान देती है तो पर्यटन नगरी नाली
आयुर्वेद का हब बन सकती है।
योग व आयुर्वेद से संबंधित विदेशी टूअर को लेकर मनाली आए मुंबई के कॉन टूअर ट्रेवल्स के संचालक अतुल मोहिले ने कहा कि वह इससे पहले इस तरह के विदेशी पर्यटकों को लेकर केरला, आगरा, दिल्ली व अमृतसर आए हैं, लेकिन उन्होंने आयुर्वेद व योग से जुड़े विदेशी सैलानियों को लेकर मनाली का रुख पहली बार किया है।
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