रूसा की शर्तों में फंसा 18 युवाओं का भविष्य

By: Sep 5th, 2019 12:01 am

बीएससी में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ विषय न होने के चलते टीजीटी कमीशन से हो गए बाहर

सोलन – प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा चलाए गए रूसा सिस्टम की कथित खामियों के चलते प्रदेश के 18 युवाओं का भविष्य दांव पर लग गया है। टीजीटी (नॉन-मेडिकल) का कमीशन पास करने के बाद भी इन युवाओं को बीएससी में पीसीएम (फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स) विषय न होने के चलते रिजेक्ट कर दिया गया है, जबकि इन युवाओं को च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत बीएससी करते समय कोई भी विषय रखने की छूट थी। इन युवाओं ने सरकार से गुहार लगाई है कि इस समस्या का समाधान कर उन्हें राहत पहुंचाई जाए। उल्लेखनीय है कि 2013 में एचपीयू द्वारा रूसा को अपनाया गया था। इस दौरान विद्यार्थियों के लिए च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत दाखिला दिया गया। इसमें छात्रोें को कोई भी विषय पढ़ने की छूट थी। अधिकतर युवाओं ने बीएससी (नॉन मेडिकल) में दाखिला तो लिया था, लेकिन च्वाइस बेस्ड के्रडिट सिस्टम के तहत फिजिक्स को मेजर कोर्स और मैथ्स व जिओग्राफी को बतौर माइन कोर्स रखा था। बीएससी कंपलीट करने के बाद इन युवाओं ने बीएड में दाखिला लिया और दो साल की बीएड को भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। वहीं, टेट क्वालिफाई करने के बाद वर्ष 2019 में इन युवाओं ने टीजीटी कमीशन भी पास कर दिया। इन युवाओं को मूल्यांकन के लिए लैटर भी भेजे गए, लेकिन वहां पहुंचने के बाद उन्हें बीएससी में फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स विषय न होने के चलते रिजेक्ट कर दिया गया। ऐसे की एक युवा जितेंद्र चौहान के अलावा कमल, ज्योति, विकास, प्रियंका, बिंदेश्वरी व जितेंद्र को भी अब सब्जेक्ट कांबिनेशन के चलते भविष्य की चिंता सताने लगी है। गौर हो कि प्रदेश स्टाफ सिलेक्शन कमीशन हमीरपुर द्वारा आयोजित टीजीटी नॉन मेडिकल कमीशन के मूल्यांकन के बाद रिजेक्टेड 27 अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी की गई है। इस लिस्ट में उनके रिजेक्ट होने का कारण भी दिया गया है। इन 27 अभ्यर्थियों में से 18 युवाओं को बीएससी में पीसीएम विषय न होने के चलते रिजेक्ट किया गया है।


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