वोकेशनल टीचर्ज का रिकार्ड भेजें

By: Sep 11th, 2019 12:30 am

स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा प्रदाता कंपनियों की मनमानी की शिकायतों पर एसएसए के निर्देश

शिमला  – हिमाचल में वोकेशनल कंपनियों पर अब एसएसए कार्रवाई के मूड में है। मनमाने ढंग से भर्ती करने के बाद अब निजी कंपनियां वोकेशनल सब्जेक्ट पढ़ाने वाले शिक्षकों का वेतन भी समय पर नहीं दे रही हैं। दर्जनों ट्रेनर्र्ज ने इस बाबत शिक्षा निदेशालय में सोमवार को शिकायत दी। इस दौरान कई ऐसे भी वोेकेशनल टे्रनर थे, जिन्हें चार व पांच महीने से वेतन नहीं दिया गया है। हिमाचल में वोकेशनल संभाल रही इन कंपनियों की मनमानी को देखते हुए एसएसए ने अब सख्त नियम अपना लिया है। एसएसए ने वेतन न देने वाली वोकेशनल कंपनियों को दोटूक कहा है कि वह समय पर ट्रेनर्ज का वेतन जारी करें और इसके बाद आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रोस सेटलमेंट) दें। इस आरटीजीएस के माध्यम से एसएसए यह चैक रखेगा कि कंपनियां ट्रेनर्ज को समय पर वेतन जारी कर रही हैं या नहीं। बता दें कि एसएसए ने यह भी कहा है कि समय पर आरटीजीएस न देने में कंपनी को बदला भी जा सकता है, वहीं इस दौरान जवाबदेही भी मांगी जाएगी। बता दें कि  हिमाचल में निजी कंपनियों की इस लापरवाही पर लगाम लगाने के लिए एनएसडीसी यानी नेशनल स्किल डिवेलपमेंट कारपोरेशन से भी शिकायत की जाएगी। शिकायत में एसएसए वोकेशनल कंपनियों को बदलने की मांग करेगा। आरोप है कि वोकेशनल कंपनियों ने लगभग 50 ट्रेनर्ज को इस साल बाहर का रास्ता दिखाया है। गौर हो कि प्रदेश में मौजूदा समय में 1700 शिक्षक वोकेशनल कोर्सेज पढ़ा रहे हैं। वहीं, लगभग एक हजार स्कूलों में वोकेशनल के तहत 11 ट्रेड छात्रों को पढ़ाएं जा रहे हैं। करीब 80 हजार छात्र वोकेशनल के विभिन्न कोर्सेज पढ़ रहे हैं। प्रदेश में 18 से 19  निजी कंपनियों को वोकेशनल के लिए भारत सरकार बजट देती है। यह बजट उक्त कंपनियां सही रूप से खर्च कर रही है या नहीं, इस ओर भी सरकार का अभी तक कोई ध्यान नहीं है। हालांकि एसएसए को मिली शिकायत के बाद सभी कंपनियों को एमओयू के मुताबिक कार्य करने के भी आदेश दिए गए हैं।


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