सीटें फुल… फेल छात्रों ने बढ़ाई टेंशन

By: Sep 20th, 2019 12:20 am

फर्स्ट ईयर में फेल विद्यार्थियों को दोबारा एडमिशन देने से बढ़ेंगी दिक्कतें, कालेज प्रबंधन को अपने स्तर पर करना होगा एडजस्ट

चंबा  –के्रडिट बेस्ड च्वाइस सिस्टम (सीबीसीएस) यानी टोटली कन्फयूजन। न कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर न पहले से निर्धारित कायदे नियम न प्रोपर स्टाफ। बस अचानक प्रोब्लम क्रिएट ओर उसका उसी समय सॉल्यूशन निकालने के लिए जोड़-तोड़। चुनावांे के दौरान मैनिफेस्टो में किए वादांे को पूरा करते हुए सरकार की ओर से आनन-फानन में प्रदेश में कालेज की पढ़ाई को पहले की तरह वार्षिक तो कर दिया, लेकिन रूसा के न हटने से अब यह विवि प्रशासन सहित कालेज प्रबंधन के अलावा छात्रों के लिए बहुत बड़ी परेशानी बन गया है। प्रदेश में रूसा के वार्षिक होने के बाद पहली दफा निकले फर्स्ट ईयर के परीक्षा परिणाम में फेल हुए छात्रों के लिए विवि की ओर से रि एडमिशन को मौका तो दे दिया गया, लेकिन कालेजों मंे रूसा के तहत पहले से निर्धारित विभिन्न विषयों की सीटें भर जाने के बाद कालेज प्रबंधन को फेल हुए छात्रों को उसी विषय में एडमिशन देकर एडजस्ट करना मुशिकल हो गया है। उधर, विवि प्रशासन की ओर से कालेज प्रबंधन पर एडजस्टमेंट की जिम्मेदारी सौंपते हुए पहले वर्ष के फेलियर को उनके द्वारा चुने मेजर विषयों में ही एडमिशन देने की बात कही है, लिहाजा अब फर्स्ट ईयर में छात्र संख्या बढ़ने के साथ ही विभिन्न विषयों की सीटें में भी बढ़ोतरी हो रही हैं।

दो विषयांे में फेल होने पर दोबारा चांस

सेमेस्टर सिस्टम के तहत चले के्रडिट बेस्ड च्वाइस सिस्टम में सभी विषयों में फेल होने पर भी छात्रों को दोबारा से पेपर देने का चांस मिल जाता था ओर छात्र दूसरे सेमेस्टर की पढ़ाई जारी रख सकता था। लिहाजा कई दफा छात्र तीसरे से चौथे सेमेस्टर तक पहुंच जाने पर भी पहले सेम के फेल विषयों के पेपर देता रहता था, लेकिन अब रूसा के वार्षिक हो जाने के बाद दो विषयों में फेल हुए छात्रों को ही दोबारा से पेपर देने का चांस मिलेगा। यह चांस भी उन्हें सिर्फ दो दफा मिल पाएगा, उसके बाद फेल होने पर छात्र को पूरी तरह से फेल माना जाएगा। उधर, कंपार्टमेंट पेपर भरने एंव होने को लेकर भी स्थिति स्पष्ठ न होने से सेप्ली आने वाले छात्र भी संस्पेेंस में हैं। 


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