सुंदरनगर में ‘सौण जे मुकेया भादरो आया’

By: Sep 2nd, 2019 12:29 am

भाषा अकादमी- सुकेत साहित्यिक परिषद के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम में लोक-पहाड़ी गीत उत्सव में प्रख्यात लोक कलाकारों ने बांधा समां

सुंदरनगर –प्रदेश कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी शिमला और सुकेत साहित्यिक परिषद सुंदरनगर के संयुक्त तत्त्वावधान में रविवार को यहां पर साहित्यिक, लोक व पहाड़ी गीत उत्सव का आयोजन किया गया। दो सत्र में आयोजित इस उत्सव की पहले सत्र में सुप्रसिद्ध कवियित्री रेखा वशिष्ठ ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की, जबकि विशेष अतिथि के रूप में डा. इंद्र ठाकुर, देवराज शर्मा, डा. कर्म सिंह व रूपेश्वरी शर्मा ने शिरकत की। सुकेत साहित्यिक परिषद के अध्यक्ष गंगाराम राजी और महासचिव कृष्ण चंद महादेविया ने इस मौके पर अतिथियों को स्वागत किया और उन्हें सम्मानित किया। उत्सव में प्रदेश के प्रख्यात लोक गायक और पहाड़ी गायिका कुल्लू की कृष्णा ठाकुर, किरण गुलेरिया, रूपेश्वरी शर्मा व प्रकाश चंद शर्मा विशेष आकर्षण रहे। रविवार को पहले सत्र में सर्वप्रथम लोक गायिका पोमिला ठाकुर के सावन भादो गीत का यू-ट्यूब के माध्यम से डा. कर्म सिंह, रेखा वशिष्ठ और रूपेश्वरी शर्मा द्वारा विमोचन किया गया। इस मौके पर प्रख्यात लोक गायिका कुल्लू की कृष्ण ठाकुर ने श्रवण कुमार की मातृ-पितृ भक्ति पर आधारित गीत दो शौंग शौंग बीमाला और मेरी लाडली बेटी अनमोलिये गीत सुनाकर सबको मोहित कर दिया। जगदीश कपूर ने चढ़ी आय चांद बी लुका छुपी मिलणे जो आई जायां, पोमिला ठाकुर ने सौण जे मुकेया भादरो आया, बिलासपुर के लेख राम वर्मा ने तू कर संग्राम ये साथी, हंसराज भारती ने मैं कविता लिखता हूं, पवन चौहान ने बस तुम देखते जाओ, गणेश गनी ने लौटने की सबसे अधिक संभावना, भीम सिंह ने फौजी पीठ नहीं दिखाता, प्रतिभा शर्मा ने किसी को भेजना की मैं दवा देती हूं, नागेंद्र पाल ने गंगा रे नौहणे जांदा मेरे मोहणा, विनोद भावुक ने सब ताणा बाणा मिट्टिया रा, डा. विजय विशाल ने वे बहुत सारे थे भीड़ की तरह, डा. लीलाधर वात्स्यायन ने बार-बार नमन करते है उनको जन मन में जो बसते है कविता गाकर सबको देशभक्ति से सराबोर कर दिया। सुकेत साहित्यिक परिषद के अध्यक्ष डा. गंगा राम राजी ने बताया उत्सव के दूसरे सत्र में साहित्यिक चर्चा की जाएगी।


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