सूखने लगी एनडीए नर्सरी की क्यारियां

By: Sep 24th, 2019 12:01 am

सुजानपुर सैनिक स्कूल भवन की मरम्मत को नहीं बजट,11 स्मार्ट क्लासरूम बंद

सुजानपुर – एनडीए की नर्सरी कहलाए जाने वाला प्रदेश का एकमात्र सैनिक स्कूल सुजानपुर आर्थिक तंगहाली के चलते बुरे समय से गुजर रहा है। आलम यह है कि स्कूल के पास भवन मरम्मत तक करवाने के पैसे नहीं हैं, जिसके चलते स्कूल प्रशासन ने उच्च अधिकारियों को स्कूल की खस्ताहाल के बारे में पत्राचार के माध्यम से अवगत करवा दिया है। वर्तमान में स्थिति यह है कि राज्य सरकार से मिलने वाला फंड भी स्कूल को नहीं मिल रहा। बच्चों को मिलने वाली रिफ्रेशमेंट ग्रांट उसे भी राज्य सरकार ने देना बंद कर दिया है। हालांकि इस समस्या को लेकर हाल ही में स्कूल का एक प्रतिनिधिमंडल स्कूल उपप्राचार्य की अगवाई में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से शिमला में मिला और समस्याओं के बारे में अवगत करवाया, लेकिन उसके बावजूद स्कूल को राज्य सरकार की ओर से कोई भी ग्रांट जारी नहीं की गई है। वर्तमान में स्कूल की स्थिति ऊंची दुकान फीका पकवान वाली हो गई है। स्कूल की अंदर की बात करें, तो जिस स्थान पर स्कूल कैंपस चल रहा है, उस स्थान की भूमि को स्कूल प्रशासन अपने नाम आज तक नहीं करवा पाया है। स्कूल को अपनी भूमि की सरहद कहां है, इस बात का पता तक नहीं है। स्कूल कैंपस के अलावा किसी भी हाउस में जेनरेटर सुविधा नहीं है। स्कूल कैंपस में स्मार्ट क्लासरूम सुविधा भी बंद है, क्योंकि 11 स्मार्ट रूम खराब होने के कारण अभी तक सही नहीं हो पाए हैं। कूल के पास अपना कोई ग्राउंड नहीं, सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल को चारदीवारी तक उपलब्ध नहीं है। सुरक्षा और सेफ्टी के मद्देनजर तमाम व्यवस्थाएं शून्य हैं। बरसात के दिनों में स्कूल भवन के कमरे टिप-टिप करते हुए छात्रों को असुविधा प्रदान करते हैं। आर्थिक तंगहाली का हाल यह है कि स्कूल वर्तमान में रिजर्व रखे गए फंड से चल रहा है, जो रिजर्व फंड रखा गया है, वह भी अब लगातार खत्म होने की कगार पर है। ऐसे में राज्य सरकार अगर स्कूल के लिए फंड जारी नहीं करती है, तो स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंच जाएगा। भवन मेंटेनेंस की बात करें, तो करीब सवा करोड़ रुपए स्कूल प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग के सुपुर्द किए हैं, लेकिन कार्य शून्य गति पर चला हुआ है। स्कूल प्रशासन की मानें, तो स्कूल की कमियों को लेकर और आर्थिक तंगहाली की समस्या को स्कूल एलबीए चेयरमैन प्रदेश मुख्यमंत्री, प्रदेश शिक्षा मंत्री, लोकसभा क्षेत्र सांसद के साथ-साथ अन्य उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दिया गया है, लेकिन समस्या का हल नहीं हो पाया है। स्कूल प्राचार्य ग्रुप कैप्टन अमित कुमार पॉल ने बताया कि आर्थिक तंगहाली के चलते स्कूल में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। स्कूल उपप्राचार्य जसकरण सिंह परमार ने बताया कि दो सप्ताह पहले प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से शिमला में मिले थे। समस्या को लेकर उन्हें अवगत करवाया है।


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