हजारों भक्तों ने नवाया मां चामुंडा के दर शीश
सलूणी –जम्मू-कश्मीर व हिमाचल की सीमा पर करीब तेरह हजार फुट की उंचाई पर स्थित ऐतिहासिक चामुंडा गढ़ माता मेला इस बार भी मंगलवार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आश्विन माह संक्रांति को मनाए जाने वाले इस मेले में दोनों राज्यों के हजारों लोगों मां चामुंडा के दर शीश नवाया और मक्की की फसल पहले चढ़ावे के तौर पर चढ़ाई। मेले के शुभारंभ मौके पर जम्मू- कश्मीर के एसडीएम बनी जोगिंद्र जसरोटिया ने मुख्यातिथि, जबकि बनी के भंडार पंचायत की प्रधान रीना ठाकुर, कठुआ के पूर्व विधायक सागर सहित मेला कमेटी प्रधान रणवीर मिन्हास विशेषातिथि के तौर पर मौजूद रहे। समापन मौके पर एसडीएम सलूणी विजय धीमान, बीडीओ प्रताप चौहान व जिला परिषद अध्यक्ष धर्म सिंह पठानियां ने उपस्थिति दर्ज करवाई। बतातें चलें कि यह मेला दोनों राज्यों के लोगों के आपसी भाईचारे व सौहार्द का प्रतीक है। पहले इस मेले में केवल माता के गुर ही खेला करते थे, लेकिन जैसे- जैसे आधुनिकता की दौड़ बढ़ती गई, तो यह मेला भी आधुनिकता के रंग में रंग गया। जहां मेले की पूर्व संध्या पर जागरण होता है, तो वहीं मेले के दिन ढोल-नगाड़ों पर पारंपरिक वेशभूषा में सज कर चुराही नाटी भी डाली जाने लगी है। जिस पर दोनों राज्यों के लोग भी थिरकते हैं। मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए दोनों राज्यों की पुलिस तैनात रहती है। मां चामुंडा का मंदिर और प्रांगण हिमाचल में पड़ता है तो वहीं अन्य प्रांगण व सराय जम्मू-कश्मीर सीमा में पड़ती है। मेला कमेटी में भी दोनों राज्यों के लोगों का प्रतिनिधित्त्व रहता है।
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