हारियानों को शराब पीने पर पाबंदी
फंगवाणा में देव पुंडरीक-बड़ा छमांहू के भव्य मिलन के दौरान गूरों को दिए आदेश
कुल्लू -देवभूमि कुल्लू की देव परंपराएं अनोखी व अद्भुत हैं। जिला कुल्लू के लोगों की देवी-देवताओं पर गहरी आस्था है। वहीं, यहां के लोगों को देव आस्थाओं के साथ-साथ देव आदेशों की पालना करनी पड़ती है। जी हां! हम यहां आपको एक देव आदेश की ओर आकर्षित करते हैं कि किस तरह से देवताओं ने अपने हारियानों को शराब जैसे नशे से दूर रहने के आदेश दिए। यह्य देव आदेश जिला कुल्लू के कोटला गांव यात्रा के दौरान तब देवी-देवताओं ने अपने-अपने हारियानों को दिए, जब बनोगी कोठी के आराध्य देवता पुंडरीक ऋषि और बड़ा छमांहू देवता का कई सालों बाद भव्य देव मिलन हुआ। बता दें कि बनोगी कोठी के आराध्य देव पुंडरीक ऋ षि और बड़ा छमांहू देवता का आठ साल बाद फंगवाणा गांव में मिलन हुआ। पुंडरीक ऋषि का फंगवाणा गांव में पहुंचते ही छमांहू के हारियानों ने धूप और फूलों के साथ स्वागत किया। वहीं, देवता ने फगवाणा गांव में देव छमांहू धामणी छमांहू के साथ भव्य देव मिलन किया। इस दौरान देवता पुंडरीक ऋषि ने अपने गूर के माध्यम से भविष्यवाणी भी की। भविष्यवाणी में देवता ने सुख-शांति व समृद्धि का आशिर्वाद दोनों हारियानों को दिया। यही नहीं इस दौरान तीनों देवताओं ने भविष्यवाणी में ही शराब से दूर रहने के आदेश भी दिए। बनोगी कोठी के हारियानों ने पुराने रीति-रिवाजों कुल्लवी चोला-टोपी पहनकर नाटी डाली। पंुडरीक ऋषि के कारदार लोतम राम ने कहा कि 26 प्रविष्टे तक हारगी चलेगी, उसके बाद पुंडरीक ऋषि 27 प्रविष्टे को अपने शंशधार से मूल स्थान रवाना होंगे।
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