हेलो! भाई साहब लाइब्रेरी कहां है

By: Sep 20th, 2019 12:20 am

न कोई साइन बोर्ड न संकेत, सरकाघाट में ढूंढे नहीं मिल रही तहसील लाइबे्ररी

सरकाघाट –जब से तहसील लाइब्रेरी को इधर से उधर बदला जा रहा है, तभी से धीरे-धीरे लाइब्रेरी का आस्थित्व खत्म हो रहा है।  न कोई साइन बोर्ड न ही कोई बैनर कहीं नजर आता है। ऐसे मे जो भी लाइब्रेरी को ढूंढता फिरता है। बस यह पूछता रहता है कि हेलो भाई साहब लाइब्रेरी कहां है।  बता दें कि 40 वर्ष पुरानी तहसील लाइब्रेरी पहले कुनालग गली में निजि भवन में चलती थी। उसके बाद यहां से बदल कर स्कूल भवन में शिफ्ट किया गया और अब वहां से भी शिफ्ट कर संयुक्त कार्यालय भवन की चौथी मंजिल पर एक कोने में  लाइब्रेरी को जगह मिली है।  लाइब्रेरी को जगह तो मिल गई, लेकिन अब लोगों को लाइब्रेरी  ढूंढने पर भी नहीं मिल पाती है  भवन के अंदर बाहर न कोई साइन बोर्ड कहीं देखने को मिलता है न ही कोई बैनर नजर आता है न ही कोई लाइब्रेरी जाने के लिए संकेत चिन्ह लगा है। पाठकों में सेवानिवृत्त अध्यापक भूताशन शर्मा, राधिका, एडवोकेट मनोज जम्वाल, शशिपाल शर्मा, मुनीष कंवर व पूर्ण चंद, अश्वनी कुमार, नेहा कुमारी, शिवानी, निलम, अभिनव परासर, सपना देवी, अभिनय धीमान, अनुप्रिया, विशाल, निशांत, अक्षय कुमार आदि ने  प्रशासन व संबंधित विभाग से मांग की है कि संयुक्त कार्यालय भवन के बाहर व अंदर साइन बोर्ड तथा लाइब्रेरी तक जाने के लिए व पाठकों की सुविधा के लिए संकेत चिन्ह अवश्य लगा दें और हर संभव उचित सुविधा व किताबें मुहैया की जाएं। डिजिटल लाइब्रेरी की व्यावस्था की जाए।  पाठकों के लिए 24 घंटे पढ़ने की सुविधा मिल सके। लाइब्रेरियन प्रवीन भारद्वाज ने बताया कि पाठकों को बैठने के लिए प्रयाप्त जगह नहीं है न नई किताबे हैं, जिसके बारे आला अधिकारी को बता दिया है। उधर, कालेज के प्राचार्य आरसी ठाकुर ने बताया बजट की वजह से लाइब्रेरी मे नई, किताबें व फर्नीचर नहीं है। बजट की मांग सरकार से कर दी है बजट आते ही हर सुविधा मुहैया करवा दी जाएगी।


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