26 करोड़ की संपत्ति जब्त

By: Sep 12th, 2019 12:01 am

गमाडा के पूर्व चीफ इंजीनियर के सरकारी अधिकारों का दुरूपयोग करने पर पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की कार्रवाई

चंडीगढ़ –सरकारी अधिकारों का दुरुपयोग रोकने के लिए पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा मोहाली की अदालत के आदेशों के उपरांत फौजदारी कानून (संशोधन) अध्यादेश 1944 की धारा तीन के अंतर्गत मंडी बोर्ड और गमाडा के पूर्व चीफ इंजीनियर की 26 करोड़ रुपए की कीमत वाली 59 जायदादें जब्त की गई हैं। इस संबंधी जानकारी देते हुए एडीजीपी कम चीफ  डायरैक्टर विजिलेंस ब्यूरो बीके उप्पल ने कहा कि ब्यूरो द्वारा की गई जांच के दौरान यह सामने आया है कि सुरेंदर सिंह ने अपनी पत्नी मनजीत कौर और माता सवरनजीत कौर के नाम पर मैसर्ज एकसैस एग्रो सीड्स प्राइवेट लिमिटेड मैसर्ज अवॉर्ड एग्रो सीड्स प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्ज अस्टर एग्रो ट्रेडर्ज प्राइवेट लिमिटेड नामी तीन फर्जी कंपनियां रजिस्टर की हुई थी और बैंक के द्वारा 4,19,44,37,161 रुपए का लेन-देन किया। उन्होंने कहा कि यह फर्जी कंपनियां रिश्वत के पैसे को उपयोग करने के लिए बनाईं गई थी। सुरेंदर सिंह ने गमाडा में अपने सेवाकाल के दौरान, इक ओंकार बिल्डर्स और कंस्टरकशन प्राइवेट लिमिटेड नामी फर्जी कंपनी बनाई, जिसमें उसने अपनी पसंद के डायरेक्टर्स चुने और गैर-कानूनी ढंग से टैंडर जारी करके 4,19,44,37,161 रुपए का घपला किया। विजिलेंस प्रमुख ने बताया कि सुरेंदर सिंह ने इन कंपनियों में सेल डीड का नकली कारोबार दिखाया, जबकि वास्तव में ऐसा कोई कारोबार नहीं था। गमाडा और पंजाब मंडी बोर्ड में अपने सेवाकाल के दौरान दोषी ने उक्त बताईं तीन फर्जी कंपनियां बनाई और गलत ढंग से कमाए 65,89,28,800 रुपए इन कंपनियों के खातों में जमा करवाए। उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद उसने बेईमानी से कमाए इस पैसों से लुधियाना, रोपड़, मोहाली और चंडीगढ़ में 26,41,33,612 रुपए की कीमत की विभिन्न स्थानों पर 59 जायदादें खरीदी। गौरतलब है कि सुरेंदर सिंह ने कुलैकटर कीमतों पर सेल डीड को रजिस्ट्रर करवाया, जबकि इन जायदादों की मार्केट कीमत इससे कहीं ज्यादा है। सुरेंदर सिंह और उसके साथी ने अपनी आय की अपेक्षा और ज्यादा जायदाद बनाकर यह जुर्म किया, जिस कारण यह कार्रवाई की गई।


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