42 हजार के इंजेक्शन ने बचाए 30 मरीज

By: Sep 10th, 2019 12:01 am

आईजीएमसी ने 40 दिन में प्रदेश भर से आए हार्ट पेशेंट्स को दिया नया जीवन

शिमला  – हिमाचल में हार्ट अटैक का ग्राफ बढ़ रहा है। इन 40 दिनों में प्रदेश भर से 30 मरीजों को हार्ट अटैक हुआ और वह आईजीएमसी लाए गए, लेकिन सुखद खबर है कि इन्हें आईजीएमसी में बचा लिया गया है। प्रदेश के एकमात्र आईजीएमसी में हार्ट अटैक के समय फ्री दिए जाने वाले इंजेक्शन का इस्तेमाल हुआ और प्रभावितों की एंजियोग्राफी और बायपास सर्जरी होने से बच गई। हिमाचल स्वास्थ्य सेवाआें के लिए यह काफी अच्छी खबर है, जिसमें एक माह के रिपोर्ट की स्टडी की गई है और उसे स्वास्थ्य विभाग भेजा गया है। आर्ट अटैक से मरने वाले अधिकतर मरीजों को प्रदेश के सबसे पुराने मेडिकल कालेज में अब यह इंजेक्शन फ्री दिया जा रहा है और इससे 40 दिनों में 30 लोगों की जान बचाई गई है। इस इंजेक्शन की कीमत 42 हजार की है और ये फ्री में मरीजों को दिया जा रहा है। उधर, कार्डियोलॉजी विभाग द्वारा की गई स्टडी पर गौर करें, तो हार्ट अटैक होने के बाद प्रभावित समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे हैं। हालांकि कारण सबसे अधिक यह देखा जा रहा है कि उन्हें पता ही नहीं लग पाता कि उन्हें हार्ट अटैक हुआ है या नहीं, लेकिन आईजीएमसी के कार्डियोलॉजी विभाग की स्टडी रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि 35 फीसदी मरीज जो अस्पताल पहुंचते हैं, उन्हें ही जीवनरक्षक दवाएं मिल पा रही हैं। ऐसे में जब आईजीएमसी में फ्री सुविधा भी शुरू हो गई है, तो इसके लिए जनता को भी सतर्क होना जरूरी है। आईजीएमसी एमएस डा. जनक और सेंट्रल स्टोर इंचार्ज डा. राहुल का कहना है कि प्रदेश सरकार की सरकारी योजनाआें के क्रियान्वयन का सख्ती से पालन किया जा रहा है, जिसके तहत फ्री में हार्ट अटैक से प्रभावितों को इंजेक्शन दिया जा रहा है और मरीजों की जान भी बचाई जा रही है। गौर करें तो यदि मरीज को हार्ट अटैक होेने के पांच से छह घंटे के दौरान अस्पताल पहुंचाया जाए, तो अस्पताल में ऐसी सूरत में उसे बचाया जा सकते है। लिहाजा प्रदेश स्वास्थ्य विभाग को भी जनता को इस ओर जागरूक करने के लिए आगे बढ़ना होगा। इसके लिए आईजीएमसी की तर्ज पर अन्य अस्पतालों को भी फ्री टेनेक्टीप्लेस इंजेक्शन रखने पर काम करना जरूरी है।


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