कालिका सहस्रनाम
-गतांक से आगे…
आज्ञा प्रज्ञा-पूर्ण.मनाश्चंद्र-मुख्यानुवूलिनी।
वावदूका निम्न-नाभिः सत्या संध्या दृढ़-व्रता।। 71।।
आन्वीक्षिकी दंड-नीतिस्त्रयी त्रि-दिव-सुंदरी।
ज्वलिनी ज्वालिनी शैल-तनया विंध्य-वासिनी।। 72।।
अमेया खेचरी धैर्या तुरीया विमलातुरा।
प्रगल्भा वारुणीच्छाया शशिनी विस्पुलिङ्गिनी।। 73।।
भुक्ति सिद्धि सदा प्राप्तिः प्राकम्या महिमाणिमा।
इच्छा-सिद्धिर्विसिद्धा च वशित्वीर्ध्व-निवासिनी।। 74।।
लघिमा चैव गायित्री सावित्री भुवनेश्वरी।
मनोहरा चिता दिव्या देव्युदारा मनोरमा।। 75।।
पिंगला कपिला जिह्वा-रसज्ञा रसिका रसा।
सुषुम्नेडा भोगवती गांधारी नरकांतका।। 76।।
पाञ्चाली रुक्मिणी राधाराध्या भीमाधिराधिका।
अमृता तुलसी वृंदा वैटभी कपटेश्वरी।। 77।।
उग्र-चंडेश्वरी वीर-जननी वीर-सुंदरी।
उग्र-तारा यशोदाख्या देवकी देव-मानिता।। 78।।
निरंजना चित्र-देवी क्रोधिनी कुल-दीपिका।
कुल-वागीश्वरी वाणी मातृका द्राविणी द्रवा।। 79।।
योगेश्वरी-महा-मारी भ्रामरी विंदु-रूपिणी।
दूती प्राणेश्वरी गुप्ता बहुला चामरी-प्रभा।। 80।।
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