आंखों की समस्या को न करें अनदेखा
विश्व दृष्टि दिवस पर डाक्टर संजीव महाजन ने बताए अंधेपन के कारण
कांगड़ा –आंखों की समस्या होने पर लोग उसे अनदेखा न करें ताकि नेत्रदान को लेकर बनी धारणाओं को तोड़ा जा सके। विश्व दृष्टि दिवस पर एसएमआई हास्पिटल कांगड़ा के प्रबंध निदेशक एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डाक्टर संदीप महाजन ने बताया किए भारत में नेत्रदान में कमी होने के कारण अंधेपन के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। लगातार वृद्धि हो रही है। अन्य देशों की तुलना में, जहां 80 प्रतिशत आबादी अपनी आंखों सहित कई अंग दान कर देते हैं, वहीं भारत में केवल एक प्रतिशत आबादी कैडेवर डोनेशन करती है। उन्होंने बताया आंखों के आगे के हिस्से को कवर करने वाले टिशू को कॉर्निया कहते हैं। बीमारी, चोट, संक्रमण या पोषण में कमी के कारण कोर्निया में धुंधलापन आने लगता है, जिससे व्यक्ति को कम दिखाई देने लगता है और धीरे-धीरे वह पूरी तरह से अंधा हो जाता है। यह आंखों की सबसे आम समस्याओं में से एक है और इसमें खराब कॉर्निया को दान की हुई कॉर्निया से बदलने से समस्या को ठीक किया जा सकता है। लोग आंखें दान नहीं कर सकते हैं, इस प्रकार की गलत धारणाओं को तोड़ते हुए उन्होंने खुलासा किया कि व्यक्ति नेत्रदान कर सकता है, बस उसकी कॉर्निया स्वस्थ होनी चाहिए। इस प्रकार का अंधापन विशेषकर बच्चों और युवाओं को प्रभावित करता है। अंधेपन के वैश्विक बोझ में भारत की कुल आबादी का 11.2 प्रतिशत हिस्सा शामिल है, जिसके अनुसार भारत में 15-12 करोड़ लोग अंधेपन का शिकार हैं, जिसमें से अधिकांश लोगों का इलाज संभव है। जागरूकता से अधिक से अधिक लोग अपनी आंखों की सुरक्षा और नेत्रदान के महत्त्व को समझ सकेंगे।
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