इस बार प्लास्टिक के डस्टबिन नहीं, लकड़ी के किलटे

By: Oct 5th, 2019 12:20 am

कुल्लू –आठ अक्तूबर से शुरू होने वाले अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के लिए जहां प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, वहीं दशहरा उत्सव के दौरान सफाई व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला कुल्लू की समाजसेवी संस्थाओं द्वारा एक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर सुशील चंद्र द्वारा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील चंद्र ने कहा कि इस बार दशहरा परिसर में प्लास्टिक की बजाय लकड़ी के किलटो को प्रयोग में लाया जाएगा। वहीं दशहरा मैदान में लगे पानी की टंकी के रोजाना सैंपल भी लिए जाएंगे, ताकि यहां आने वाले हजारों लोगों को स्वच्छ पेयजल मिल सके। डा. सुशील ने कहा कि हर दिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा पेयजल के सैंपल लिए जाएंगे और लैब में उस पानी की जांच भी की जाएगी। वहीं डोम व प्रदर्शनी मैदान में लकड़ी के किलटों को रखा जाएगा, ताकि सारा कचरा उसमें एकत्र किया जा सके। वहीं सफाई कर्मचारियों को भी ये निर्देश दिए जाएंगे कि वे हर 10 मिनट के बाद उन किलटों की जांच करें, ताकि कूड़ा ओवरफ्लो होकर मैदान में न बिखरे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा खाने-पीने के स्टाल पर विशेष नजर रखी जाएगी और खराब खाने व मिठाइयां बेचने वालों पर भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। दशहरा उत्सव के दौरान ढाबा मालिकों को पानी का भंडारण भी व्यवस्थित तरीके से करना होगा। हर दिन पानी को स्टोर करने वाली टंकी की सफाई जरूरी है।  उत्सव के दौरान ढाबा और अन्य खाद्यान्नों के दुकानदारों ने फूड सेफ्टी एक्ट पर कोताही बरती तो उस पर तुरंत कार्रवाई होगी। अनियमितताएं पाए जाने पर 25 हजार तक का जुर्माना देना पड़ेगा। ढाबों में काम करने वाले सभी कामगारों का मेडिकल होना भी जरूरी है। हालांकि पिछले दशहरा उत्सव के दौरान विभाग जो खाद्य वस्तुओं के सैंपल लेता था, उनकी रिपोर्ट काफी लेट आती थी और ढाबा संचालकों के साथ-साथ मिठाइयों के दुकानदार मैदान छोड़कर भी चले जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा कुछ भी नहीं होगा, मौके पर ही खाद्य वस्तुओं की सैंपलिंग होकर कुछ देर में नमूने भरकर उसके परिणाम आएंगे और जुर्माना भी मौके पर ही वसूला जाएगा।

 


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