एक नजर

By: Oct 26th, 2019 12:01 am

जस्टिस कुरैशी केस की सुनवाई चार तक स्थगित

नई दिल्ली – उच्चतम न्यायालय ने न्यायमूर्ति अकिल कुरैशी को त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति के मामले में याचिका की सुनवाई चार नवंबर तक के लिए शुक्रवार को स्थगित कर दी। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के लिए चार नवंबर की तारीख उस वक्त निर्धारित की जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय को बताया कि वह न्यायमूर्ति कुरैशी की पदोन्नति के मामले में सरकार से निर्देश हासिल करके उसे अवगत कराएंगे। कॉलेजियम द्वारा नए सिरे से सिफारिश के 50 दिन बाद भी सरकार की ओर से उनकी नियुक्ति का वारंट जारी नहीं हो सका है।

चिदंबरम की जमानत पर पुनर्विचार की मांग

नई दिल्ली – केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गवाहों को प्रभावित करने का आधार बनाकर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की जमानत रद्द करने के लिए उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ ने श्री चिदंबरम को सशर्त जमानत दी थी, जिसके अनुसार पूर्व केंद्रीय मंत्री निचली अदालत की अनुमति के बगैर विदेश नहीं जा सकेंगे तथा जांच में सहयोग करेंगे। अब सीबीआई ने शीर्ष अदालत के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत अपने आदेश पर फिर से विचार करें।

ईरान में अपराधी के हाथ काटने की निंदा

बगदाद – ईरान में न्याय अधिकारियों द्वारा एक चोर के हाथ काट दिए जाने की सजा की एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने कड़ी निंदा की है और ईरान से इस तरह की क्रूर सजा को ़खत्म कर देने की अपील  की है। माज़ंदरान प्रांत के न्याय विभाग ने दरअसल 23 अक्तूबर को चोरी के इल्जाम में कई बार पकड़े गए अपराधी के हाथ काट दिए थे। अंतरराष्ट्रीय उप मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के निदेशक सालेह हिगाज़ी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस मामले पर कहा कि ईरान के अधिकारियों द्वारा दी गयी इस तरह की क्रूर सजा अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लघंन है।’

अयोग्य विधायकों की याचिका पर सुनवाई पूरी

नई दिल्ली – उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के विश्वास मत प्राप्त करने से पहले ही अयोग्य घोषित किए गए 17 विधायकों की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई पूरी कर ली। इस पर फैसला बाद में सुनाया जाएगा। हालांकि, कर्नाटक कांग्रेस की ओर से न्यायालय में दलील दी गई कि इस मामले को संविधान पीठ को सौंप दिया जाए। प्रदेश कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल किया था और उनके निर्णय पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। उन्होने कहा कि इस मामले को संविधान पीठ को सौंपने की आवश्यकता है, क्योंकि इसमें सांविधानिक महत्त्व के गंभीर मसले उठाए गए हैं।

असम रायफल्स होम मिनिस्टरी के अधीन हो

नई दिल्ली – केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के पूर्व कर्मचारियों के संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को ज्ञापन सौंपकर असम रायफल्स को पूर्ण रूप से गृह मंत्रालय के अधीन लाने की मांग की। पूर्व केंद्रीय अर्द्धसैन्य बल कर्मचारी कल्याण संघ के समन्वयक किरनपाल सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने श्री राय के निवास पर उनसे भेंट की और ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री मनोज तेवतिया, श्री रामबहादुर सुनार भी शामिल थे। पूर्व अर्द्धसैनिकों ने मांग की कि असम रायफल्स में सेना के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति को बंद किया जाए और बल के अपने अधिकारियों का कैडर विकसित किया जाए तथा गृह मंत्रालय के अधीन अधिकारियों को प्रशासनिक एवं संचालन संबंधी अधिकार सौंपे जाएं।


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