एचएएस बदले, इंजीनियर्स प्रोमेट
शिमला – राज्य सरकार ने मंगलवार को दो एचएएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी किए हैं। वहीं लोक निर्माण विभाग में तीन अभियंताओं को चीफ इंजीनियर बनाया गया है। एचएएस अधिकारी डा. केवल राम सहजल, जो कि संयुक्त सचिव राजस्व का दायित्व देख रहे हैं, को अब अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त मुख्यालय लगाया गया है। वह डा. विकास सूद की जगह लेंगे। वहीं, संयुक्त निदेशक मेडिकल कालेज बल्ह डा. आशीष शर्मा को एसडीओ सिविल बल्ह लगाया गया है। उनके पास मेडिकल कालेज के संयुक्त निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार भी रहेगा। उधर, हिमाचल सरकार ने पीडब्ल्यूडी के तीन अफसरों को पदोन्नत कर चीफ इंजीनियर बनाया है। प्रोमोशन के बाद तीनों अधिकारियों के मंडी, धर्मशाला और शिमला में तैनाती आदेश भी जारी कर दिए हैं। कार्मिक विभाग से जारी आदेशों में जितेंद्र धीमान वर्ल्ड बैंक प्रोजेक्ट एचपीआरआईडीसी शिमला में चीफ इंजीनियर होंगे। इं. संजीव कुमार शर्मा को धर्मशाला जोन तथा इं. दारा सिंह बहल को मंडी जोन में चीफ इंजीनियर पद पर तैनाती दी गई है। इन आदेशों के बाद अब लोक निर्माण विभाग में एक्सईएन रैंक के चार अफसरों को एसई पद पर पदोन्नति का तोहफा मिलेगा।
डिमांड पर भेजे जाएंगे ट्रिब्यूनल कर्मी
शिमला – प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के बंद होने से उसमें तैनात करीब सौ कर्मचारियों को वित्त विभाग के सरप्लस पूल में रखा जाएगा। जिस भी विभाग से कर्मचारियों की डिमांड आएगी, उन्हें उस विभाग में भेजा जाएगा। ये कर्मचारी सचिवालय में तैनात नहीं होंगे, बल्कि डिमांड के अनुसार ही दूसरे विभागों में जाएंगे। अभी तक अपनी सेवाओं को लेकर ये असमंजस में पड़े थे। वैसे ये लोग क्लास वन ऑफिस में ही तैनाती चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाएगा। राज्य सरकार ने चार जुलाई को ट्रिब्यूनल बंद करने का निर्णय लिया था, जिसके बाद सभी मामले हाई कोर्ट को भेज दिए गए हैं। ट्रिब्यूनल में कार्यरत कर्मचारियों को पहले सचिवालय में समायोजित करने की तैयारी थी, लेकिन कर्मचारियों ने इसका विरोध किया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने भी इन कर्मचारियों को लेने से इनकार कर दिया। तीन महीने से ये कर्मचारी बिना काम के ट्रिब्यूनल में ही हैं, क्योंकि अब ट्रिब्यूनल से सारा रिकॉर्ड हाई कोर्ट भेजा जा चुका है। ऐसे में सरकार ने इन कर्मचारियों को वित्त विभाग के पूल में शामिल करने का निर्णय ले लिया है। सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन इन कर्मचारियों को सचिवालय में समायोजित नहीं किए जाने की बात कह रहा था। इससे सचिवालय कर्मचारियों की प्रोमोशन प्रभावित हो सकती है। कर्मचारियों ने इसको लेकर मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर इन्हें सचिवालय में शामिल न करने की मांग उठाई थी।
मुख्य सचिव ने लिया भवन का जायजा
मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी मंगलवार सुबह प्रशासनिक ट्रिब्यूनल का भवन देखने के लिए पहुंचे, जिन्होंने वहां का जायजा लिया। उनके साथ सामान्य प्रशासन विभाग के कर्मचारी भी मौजूद थे। ट्रिब्यूनल शिफ्ट होने के बाद यह भवन खाली हो गया है, जहां से अभी रिकॉर्ड उठाया जा रहा है।
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