कहलूर के राजा की थी दो रानियां

By: Oct 9th, 2019 12:13 am

हिंदूर के इतिहास  में उल्लेख मिलता है कि कहलूर के राजा काहन चंद के दो रानिया थीं। एक कुल्लू से और दूसरीं बाघल से। बाघल वाली रानी बाघल के पंवार (परमार) वंश से नहीं हो सकती, किसी और वंश  या परिवार से हो सकती है।  क्योंकि ग्यारहवीं शताब्दी में परमार वंश का  संस्थापक बाघल में आया नहीं लगता है…

गतांक से आगे …

हिंदूर (नालागढ़)

नालागढ़ शहर पहाड़ के बिलकुल किनारे पर स्थित है तथा राजा का महल नुमा किला पहाड़ी की ऊंचाई पर है। दूर से देखने पर नजारा आकर्षक लगता है, लेकिन जनदीक आने पर ‘अर्की’  की ही भांति सब पलट जाता है। हिंदूर के इतिहास में उल्लेख मिलता है कि कहलूर के राजा काहन चंद के दो रानिया थीं। एक कुल्लू से और दूसरी बाघल से। बाघल वाली रानी बाघल के पंवार (परमार) वंश से नहीं हो सकती, किसी और वंश  या परिवार से हो सकती है।  क्योंकि ग्यारहवीं शताब्दी में परमार वंश का  संस्थापक बाघल में आया नहीं लगता है। काहन चंद की ये  दोनों रानियां  एक साथ ही  गर्भवती हो गई। जिन दिनों इन रानियों ने राजकुमारों को जन्म दिया उन दिनों राजा काहन चंद राजधानी से बाहर हतुनीगढ़ में था। पहले कुल्लू वाली रानी के और बाद में बाघल वाली रानी के पुत्र हुआ। कुल्लू वाली रानी के सेवक तो खुशियां मनाते रहे परंतु बाघल वाली रानी के सेवकों ने तुरंत राजा के पास पुत्र के जन्म का समाचार भेजा। लोगों ने राजा को युवराज के पैदा होने पर बधाई दी। औश्र राजा ने भी उसे बड़ी खुशी से अपनी गद़दी का उत्तराधिकारी स्वीकार कर दिया। कुल्लू वाली रानी के पुत्र के जन्म का समाचार राजा को बहुत समय पश्चात मिला। बाद में राजा अपने वचन को न मोड़ सका औश्र गद्दी का उत्तराधिकारी बाघल वाली रानी का पुत्र ही रहा। उसका नाम अजीत चंद रखा गया और  कुल्लू वाली रानी के पुत्र का नाम अजय चंद रखा गया। परंतु बिलासपुर वंशावली में बड़ पुत्र का नाम अजीत चंद लिखा मिलता है। और दसूरे पुत्र का नाम सुजीत चंद। कुछ अन्य स्रोत अजीत चंद को बड़ा पुत्र और हिंदूर का संस्थापक तो कुछ उसे काहन चंद के पश्चात उसका उत्तराधिकारी कहलूर का राजा मानते हैं। परंतु हिंदूर का अपना इतिहास  और परंपरा काहन चंद के बड़े पुत्र अजय चंद को ही हिंदूर का संस्थापक मानते हैं और अजीत चंद को  काहन चंद के पश्चात कहलूर के राजा। कुछ स्रोत यह कहते हैं कि काहन चंद के साथ लगते हिंदूर के ब्राह्मण शासक को पराजित करके उसके राज्य को अपने दूसरे पुत्र सुजीत चंद को दिया था। कुछ अन्य के अनुसार काहन चंद के तीनों  पुत्रों  अजीत चंद, अजय चंद, सुजीत चंद ने हिंदूर के ठाकुर को परासत करके अजीत चंद को हिंदूर की गद्दी पर बैठायाद्ध परंतु हिन्दूर राज्य के सभी स्रोत यह  मानते हैं कि  हिंदूर का प्रथम राजा कहलूर के राजा काहन चंा का बड़ा पंत्र अजय  चंद था। कहलूर की राजगद्दी से वंचित हो जाने  से उसे बड़ा दुख हुआ। उसने अपने पिता के ही राज्य में एक छोटी सेना का संगठन किया।                    – क्रमशः   


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