जनमंच से होगा बड़ा फायदा

By: Oct 30th, 2019 12:05 am

कर्म सिंह ठाकुर

लेखक, मंडी से हैं

जनमंच कार्यक्रमों की सफलता के लिए मुख्यमंत्री ने हिमाचल में जनमंच कार्यक्रम को और मजबूत करने का आश्वासन दिया है। जिला स्तर पर जनमंच की मॉनीटरिंग होगी। जनमंच को भी मुख्यमंत्री सेवा संकल्प-1100 से जोड़ा जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दिशा में कार्य करें। जनमंचों के माध्यम से सरकार अब तक करीब 35,000 से अधिक शिकायतों का निपटारा कर चुकी है। जनमंच कार्यक्रमों में अपार जनसमूह इकट्ठा होता है।  प्रदेश सरकार का दावा है कि जनमंचों के माध्यम से जनता-जनार्दन के घर-द्वार में ही विभिन्न तरह की सरकारी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाने का एक बेहतर प्रयास है…

हिमाचल जैसे विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों वाले प्रदेश में जनमंच जैसे कार्यक्रम लोकप्रिय इसलिए भी होते हैं क्योंकि जनमानस को सरकारी कार्यालयों, विभागों की तानाशाही से निजात मिलती है। दूसरी ओर समय तथा धन की बचत भी होती है। शायद इसी सोच को चरितार्थ करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने जनमंच कार्यक्रमों की शुरुआत की है। हिमाचल सरकार ने पहला जनमंच कार्यक्रम 03 जून 2018 को प्रदेश के 11 विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित किया। पहला जनमंच कार्यक्रम शिमला के रामपुर, चंबा के डलहौजी, कांगड़ा के फतेहपुर, सोलन के अर्की, बिलासपुर के कोटकहलूर, किन्नौर के रिकांगपिओ, ऊना सदर, हमीरपुर के नादौन, कुल्लू सदर, मंडी के जोगिंद्रनगर और सिरमौर के शिलाई विधानसभा क्षेत्र में आयोजित किया गया। जनमंच कार्यक्रम में मंत्रियों के अलावा विधानसभा अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष भी जनता-जनार्दन की समस्याएं सुनते हैं। 8 सितंबर 2019 को जयराम सरकार का 17वां जनमंच कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस जनमंच में करीब 1600 समस्याएं सामने आई थीं। जनमंच कार्यक्रमों की सफलता के लिए मुख्यमंत्री ने हिमाचल में जनमंच कार्यक्रम को और मजबूत करने का आश्वासन दिया है। जिला स्तर पर जनमंच की मॉनीटरिंग होगी। जनमंच को भी मुख्यमंत्री सेवा संकल्प-1100 से जोड़ा जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दिशा में कार्य करें। जनमंचो के माध्यम से सरकार अब तक करीब 35,000 से अधिक शिकायतों का निपटारा कर चुकी हैं। जनमंच कार्यक्रमों में अपार जनसमूह इकट्ठा होता है।  प्रदेश सरकार का दावा है कि जनमंचों के माध्यम से जनता जनार्दन के घर द्वार में ही विभिन्न तरह की सरकारी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाने का एक बेहतर प्रयास है क्योंकि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य राज्यों की अपेक्षा विपरीत है। छोटे-छोटे कामों के लिए भी लंबी यात्राएं करनी पड़ती हैं फिर दफ्तरगिरी तथा अधिकारियों की लेटलतीफी आम जनमानस को परेशान करती रहती हैं। शायद सरकार ने ऐसा ही सोचा होगा कि जनता जनार्दन के घर द्वार में ही संपूर्ण सरकार तथा प्रशासन को एक मंच पर इकट्ठा करके प्रदेश को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए, लेकिन जनमंचों से उठते विवाद, मंत्रियों की अधिकारियों को सरेआम लताड़, खर्चा तथा अव्यवस्थाएं कई बार भारी पड़ जाती हैं। वहीं दूसरी ओर विपक्ष इस कार्यक्रम पर कड़ी निगाहें टिकाए हुए है। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री तथा उनकी टीम नियोजित तरीके से जनमंच पर तंज कसती आ रही है। जब कभी भी जनमंचों के कार्यक्रमों में हल्की सी कोताही या अव्यवस्था सामने आती है तो विपक्ष आग बबूला हो जाता है। अब जनमंच के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 16 सितंबर 2019 को टूटीकंडी, शिमला से मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वर्ष 2019-20 के बजट में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की घोषणा की थी। इस योजना द्वारा निशुल्क हेल्पलाइन नंबर 1100 पर अपनी कंप्लेंट दर्ज करवा सकते हैं। हेल्पलाइन में सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक शिकायत दर्ज हो सकेगी।  इसमें चारस्तरीय शिकायत प्रणाली की योजना बनाई गई है। पहले स्तर पर खंड, दूसरे स्तर पर तहसील, तीसरे स्तर पर जिला तथा अंतिम राज्य स्तर पर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। सभी अधिकारियों को सात दिन से लेकर 14 दिनों के भीतर शिकायत का समाधान करना होगा।  इस योजना का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि इस योजना से प्रदेशवासियों को अपनी समस्या का समाधान आसानी से घर में ही मिल जाएगा। प्रदेश सरकार समस्याओं के समाधान निकालने के लिए यथासंभव प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना के तहत सॉफ्टवेयर के माध्यम से 56 विभागों के 6500 अधिकारी जोड़े गए हैं। प्रदेश सरकार सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्तेमाल करके प्रदेशवासियों को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध करवा सकती है। आज भी प्रदेश के आम नागरिक को अपने छोटे-छोटे कामों को करवाने के लिए सरकारी कार्यालयों के अनेक चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन समस्याओं से प्रदेशवासियों को निजात दिलाने के लिए जनमंच तथा मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना जैसी महत्त्वपूर्ण योजनाएं किसी वरदान से कम नहीं हैं। वर्तमान समय में फेक या झूठी कंप्लेंट्स से बचने के तरीके भी ढूंढने होंगे। यदि इस तरह के प्लेटफॉर्म्स का कोई व्यक्ति गलत इस्तेमाल करता है तो उसके खिलाफ  भी कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए, यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी किसी लेटलतीफी के लिए जिम्मेदार है तो उसके खिलाफ  विभागीय कार्रवाई तीव्रता से अमल में लाने का प्रावधान होना चाहिए। प्रारंभ में जनमंचों पर भी अनेकों त्रुटियां सामने आई थी, लेकिन धीरे-धीरे जनमंचों का स्वरूप बदलता नजर आ रहा है, लेकिन भविष्य में और भी उचित कदम उठाने की आवश्यकता दिख रही है। इसी तरह से प्रदेश सरकार को सेवा संकल्प योजना को शुरू से ही सुदृढ़ तथा सुनियोजित तरीके से काम करने की जरूरत होगी ताकि प्रदेशवासी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का भरपूर लाभ उठा सकें तभी प्रदेश आगे बढ़ पाएगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App