जीवन मुक्ति

By: Oct 19th, 2019 12:14 am

बाबा हरदेव

यदि हम यह समझौता न करें, तो इन सब का मूल्य क्षणभर में काफूर हो जाता है। संसार और इसकी वस्तुओं का मोह त्याग करने का एकमात्र सूत्र है कि इनको केवल व्यवहार समझकर इनका यथायोग्य उपयोग किया जाए, क्योंकि इनमें कुछ भी परमार्थक नहीं है। यह तो केवल मध्य स्थित सत्ता या फिर केवल व्यवहार की सच्चाई है। अब यह भी एक अटल सच्चाई है कि मनुष्य का स्वभाव आजादी है। यह अशरफ-उल-मखलूकात है, ईश्वर का अंश है परंतु इसके अधिकतर तनाव विशेषकर मानसिक तनाव इसके अपने ही स्वभाव से संघर्ष का परिणाम है। मनुष्य की अकसर चिंताएं इसकी स्वयं की ही जात से लड़ने की चिंताएं हैं और मजे की बात यह है कि वह अपने से ही लगातार लड़ता चला आ रहा है परंतु जीत नहीं पाया। आध्यात्मिक जगत में हर ऐसी अवस्था को जो हमारी चिंता बंदिश और कैद का कारण मालूम देती है, इसे हर सुख में खुलासी प्राप्त करने की युक्ति और सबसे बढ़कर जीवन मुक्ति का नाम दिया जाता है। अब प्रश्न पैदा होता है कि जीवन मुक्ति का सूत्र कहां से,किससे और किस प्रकार प्राप्त किया जाए ताकि इस मूल की भूल को सुधारा जा सके। इस महत्त्वपूर्ण प्रश्न का उत्तर धर्मग्रंथों में महात्माओं ने जगह-जगह दे रखा है।

मूक जाएगा मरना जमना ना आवें न जावेंगा।

अवतार गुरु दे चरण जे पूजें जीवन मुक्ति पावेंगा।

इसीलिए जीवन मुक्ति की प्राप्ति के लिए सद्गुरु की शरण आवश्यक है क्योंकि जो मनुष्य काम मुख बना हुआ है, मुर्शद की अपार कृपा से वह राम सुख बन सकता है। इसे पूर्ण सद्गुरु से परमपिता परमात्मा की जानकारी प्राप्त करके जगत में केवल व्यवहार करने का पता चल जाता है। मनुष्य परिवर्तित मार्ग अपनाने में और भक्ति मार्ग पर चलने में कुशल हो जाता है कि त्यागते हुए भोगो और भोगते हुए त्यागो। पवित्र गुरबाणी के फरमान के अनुसार जोर ना जुगति छुटे संसार वाली बात बन जाती है।

सद्गुरु के द्वारा आत्मा रूप हंस विवेक से काम लेते हुए माया रूपी जल और नाम रूपी दूध को अलग-अलग करने में समर्थ हो जाता है। सद्गुरु की कृपा से अविनाशी प्रभु की शरण में आने के पश्चात मनुष्य को संसार के सभी रंग फीके लगते हैं और वह जीवन मुक्ति के रहस्य को भली प्रकार से जानने लग जाता है। इसकी जीवात्मा संसार की वस्तुओं के बंधनों से आजाद होकर अपनी फितरम के लाफानी तजल्लीजार में आबाद हो जाती है और मौलाना इकबाल के शब्दों में हर प्राणीमात्र को यह संदेश देने में जुट जाती है।

करम के नादां तौआफे शमां से आजाद हो।

अपनी फितरत के तजल्लीदार में आबाद हो।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App