जुन्गा फोरेंसिक लैब में हाइटेक सॉफ्टवेयर

By: Oct 31st, 2019 12:02 am

 वीडियो एन्हांसमेंट कर आरोपियों का चेहरा पहचानना हुआ आसान, गाड़ी का नंबर पढ़ने में भी नहीं होगी मुश्किल

शिमला –हिमाचल फोरेंसिक लैब जुन्गा में जल्द ही वीडियो एन्हांसमेंट सॉफ्टवेयर स्थापित होगा। वीडियो एन्हांसमेंट सॉफ्टवेयर की मदद से अपराधियों का चेहरा आसानी से देखा जा सकेगा। इस सॉफ्टवेयर में वीडियो को एन्हांस करने की सुविधा मिलेगी और सॉफ्टवेयर में सीसीटीवी फुटेज की भी एनालिसिस की जा सकेगी। फोरेंसिक लैब जुन्गा में 20 लाख की लागत से स्थापित होने वाले वीडियो एन्हांसमेंट सॉफ्टवेयर की मदद से पुलिस को भी आपराधिक वारदातें हल करना आसान होगा। इस सुविधा से चोरी, मर्डर व अन्य संगीन आपराधिक वारदातों के समय आई सीसीटीवी फुटेज की एनालिसिस की जा सकेगी। अगर वीडियो फुटेज में अपराधियों का चेहरा साफ  भी नहीं दिख रहा है, तो इस सॉफ्टवेयर से इन्हें आसानी से देखा जा सकेगा। मतलब पुलिस हर हाल में सीसीटीवी कैमरों में कैद अपराधियों तक पहुंच पाएगी। अगर सीसीटीवी कैमरों में रिकार्ड हुई गाडि़यों के नंबर साफ  भी नहीं हैं, तो भी इन्हें इस सॉफ्टवेयर से आसानी से रीड किया जा सकेगा। अकसर देखने में आया है कि कई बार आपराधिक वारदात में शामिल गाडि़यों के नंबर फुटेज में स्पष्ट नहीं आते। खासकर रात के समय गाडि़यों की प्लेट पर लाइट पड़ने से इन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अपराधी वारदातों के बाद गाडि़यों से भागकर आसानी से बच निकलते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अभी तक फोरेंसिक लैब जुन्गा में धुंधली वीडियो रीड करने की सुविधा नहीं है। इसके चलते ऐसी फुटेज को राज्य से बाहर जांच के लिए भेजना पड़ रहा है।

जांच के लिए बाहर भेजने पड़ते हैं मामले

मनाली में कुछ समय पहले विदेशी महिला से रेप के मामले में आरोपियों की फुटेज पुलिस को अमरिका जांच के लिए भेजनी पड़ी थी। हाल ही में बद्दी में सामने आए शूट आउट मामले में शामिल लोगों की फुटेज भी राज्य से बाहर जांच के लिए भेजनी पड़ी थी। ऐसे में अब आने वाले समय में जुन्गा फोरेंसिक लैब को हाईटेक सॉफ्टवेयर से लैस मशीन मिलेगी। ऐसे में जाहिर है कि जुन्गा फोरेंसिक लैब में हाईटेक सॉफ्टवेयर से लैस मशीन स्थापित होने से पेचिदा से पेचिदा मामलों की जांच समय पर हो सकेगी।


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