जेपी यूनिवर्सिटी के नाम एक और तमगा

By: Oct 2nd, 2019 12:01 am

वाकनाघाट के संस्थान ने बायोटेक्नोलॉजी एंड बायो इन्फोर्मेटिक्स में दो नए पेटेंट पाए

सोलन – जेपी यूनिवर्सिटी ऑफ इन्फोर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी वाकनाघाट (सोलन) के सुयोग्य प्रोफेसर्ज द्वारा की जा रही रिसर्च उपलब्धि में एक और अध्याय जुड़ गया है। यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑॅफ बायोटेक्नोलॉजी एंड बायो इन्फोर्मेटिक्स ने दो नए पेटेंट हासिल कर लिए हैं। इन दोनों पेटेंट को मिलाकर जेपी यूनिवर्सिटी द्वारा हासिल किए गए पेटेंट की संख्या आठ हो गई है, जिनमें से सात पेटेंट अकेले डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड बायो इन्फोर्मेटिक्स द्वारा हासिल किए गए हैं। इन नए पेटेंट में जहां लेंटाडीन ड्रग की सिंथेसिस (संश्लेषण) पर कार्य किया गया है, वहीं औषधीय पौधों की गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर रिसर्च की गई है। डिपार्टमेंट की इस उपलब्धि पर जेपी यूनिवर्सिटी में खुशी का माहौल है और बधाइयों का तांता लगा हुआ है। बता दें कि जेपी यूनिवर्सिटी ऑफ इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी में विभिन्न विषयों पर बेहतरीन रिसर्च की जा रही है और प्रबंधन वर्ग द्वारा भी इस रिसर्च एक्टिविटी को काफी प्रमोट भी किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी में की जा रही इस रिसर्च के अप्रत्याशित परिणाम भी सामने आ रहे हैं और अभी तक यूनिवर्सिटी की ओर से फाइल किए गए पेटेंट में से कुल आठ पेटेंट हासिल भी कर लिए गए हैं। अभी हाल ही में यूनिवर्सिटी को दो और पेटेंट हासिल हुए हैं। इनमें पहला पेटेंट ‘एन इकोनॉमिकल इम्प्रूव्ड आइसोलेशन प्रोसेस आफ एंट्यूमोर ट्रिटरपेनओएड लेंटाडीन बी फ्रॉम वीड लेंटाना कमारा एल’ है। इस पेटेंट के लीड इन्वेंटर डा. मनु शर्मा हैं। इसके अलावा दूसरा पेटेंट ‘आइसोलेशन एंड प्योरिफिकेशन ऑफ पिक्रोसाइड-1 एंड पिक्रोसाइड-2’ है। इस पेटेंट के लीड इन्वेंटर डा. हेमंत सूद हैं। डा. हेमंत सूद ने बताया कि इसके तहत कम लागत व आसान तरीके से औषधीय यौगिकों के आइसोलेशन व प्योरिफिकेशन का तरीका इजाद किया है। जेपी यूनिवर्सिटी के प्रो. विनोद कुमार यूनिवर्सिटी में निरंतर विभिन्न विषयों पर रिसर्च कार्य जारी रहता है। उन्होंने बताया दो नए पेटेंट हासिल करने वालों को बधाई देते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी के योग्य प्रोफेसर और अधिक पेटेंट हासिल करेंगे।


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