निवेश से डेढ़ लाख को रोजगार

By: Oct 29th, 2019 12:01 am

मुख्यमंत्री जयराम का ऐलान; 566 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर, 81319 करोड़ रुपए पहुंचा निवेश का आंकड़ा

शिमला – सरकार के प्रयासों के बाद अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में 566 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिनमें 81319 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है। इससे राज्य में करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अभी तक हुए एमओयू के बाद वस्तुस्थिति बताते हुए कहा कि  उद्योग क्षेत्र में 12977.84 करोड़ रुपए निवेश के लिए 196 समझौता ज्ञापन, पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन क्षेत्र में 14955 करोड़ रुपए निवेश की क्षमता वाले 192 समझौता ज्ञापन, जबकि आवासीय क्षेत्र में 12277 करोड़ रुपए के निवेश के लिए 31 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए जा चुके हैं। इसके अलावा ऊर्जा क्षेत्र में भी बड़े निवेश को एमओयू हुए हैं। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में 1804.71 करोड़ रुपए निवेश के दस समझौता ज्ञापन, परिवहन क्षेत्र में 2745 करोड़ रुपए निवेश के लिए आठ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुए हैं। इसी प्रकार शहरी विकास क्षेत्र में 22 समझौता ज्ञापन हुए हैं, जिनसे 5392.86 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित होगा। आयुर्वेद क्षेत्र में 35 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए हैं, जिनके माध्यम से राज्य में 972.25 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आयुष नीति-2019 को स्वीकृति दी है, जिसके अंतर्गत लोगों को आयुष अस्पतालों और औषधालयों के माध्यम से किफायती दरों पर आयुष सेवाएं उपलब्ध होंगी। इस नीति के अंतर्गत आयुष एवं आरोग्य क्षेत्र में संभावित निवेशकों के लिए आकर्षक प्रोत्साहनों को शामिल किया गया है। इस नीति के तहत आयुष थैरेपी यूनिट को स्थापित करने के लिए पूंजी सबसिडी पर 25 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है, जो अधिकतम एक करोड़ रुपए तक हो सकता है। इसमें भूमि पर किया गया खर्च शामिल नहीं होगा तथा ऋण पर चार प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा, जो प्रति वर्ष अधिकतम 15 लाख रुपए होगा।

महिला उद्यमियों के लिए खास इंतजाम

मुख्यमंत्री ने कहा कि सात साल के लिए 75 प्रतिशत की दर से शुद्ध एसजीएसटी प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाएगी। ऊर्जा बचत, पर्यावरण संरक्षण तथा महिला उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त हिमाचली लोगों को रोजगार देने के लिए सहायता दी जाएगी तथा चयनित परियोजनाओं में लीज रेंट और स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने नई आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम नीति-2019 भी तैयार की है, ताकि हिमाचल प्रदेश को इन क्षेत्रों में निवेश के लिए देश का प्रमुख क्षेत्र बनाया जा सके। इस नीति में अधोसंरचना प्रोत्साहन प्रणाली विकसित करने की परिकल्पना की गई है, जो आईटी, आईटीईएस और ईएसडीएम की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके।

प्रोजेक्ट प्रबंधकों के साथ मीटिंग

एनएचपीसी को डूगर तथा एनटीपीसी को सेली व मियाड़ परियोजनाएं दी गई थीं। चिनाब बेसिन पर एनटीपीसी भी और प्रोजेक्ट मांग रहा है। इनका खाका खींचने के लिए ऊर्जा निदेशालय ने प्रोजेक्ट प्रबंधकों के साथ बैठक कर ली है। एसजेवीएन की पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ भी चर्चा हुई है। निजी क्षेत्र के अधिक अब सरकार सार्वजनिक क्षेत्र को ही ऊर्जा सेक्टर में बढ़ावा दे रही है, क्योंकि इन कंपनियों का निवेश तय है। निजी क्षेत्र के साथ एमओयू करने के बाद वह धरातल पर नहीं उतर पाते।


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