पंजाब में 89 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण

By: Oct 23rd, 2019 12:02 am

चंडीगढ़  – हैल्थ मैनेजमेंट इंफोरमेशन सिस्टम 2018-19 के अनुसार बच्चों का 95 प्रतिशत टीकाकरण और नेशनल फैमीली हैल्थ सर्वे-4 के अनुसार बच्चों का 89.1 प्रतिशत टीकाकरण करने के साथ पंजाब देश भर के अग्रणी राज्यों में शामिल हुआ। इस संबंधी जानकारी देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि इस समय स्वास्थ्य विभाग बच्चों का टीबी, हैपेटाईटस-बी, पोली ओमाई लायटिस, डाईफथेरिया, परटूसिस, टैटनस, हीमोफिलस इनफ्लूएंजा बी, रोटावायरस डाइरिया, मीजलज (खसरा) और रुबेला समेत दस बीमारियों की रोकथाम के लिए टीकाकरण कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी टीके बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को यकीनी बनाते हैं और देश में लाखों बच्चों की मौत का कारण बनने वाले ख़तरनाक रोगों से बच्चों का बचाव भी करते हैं। मंत्री ने कहा कि जो बच्चे यह सभी टीके लगवाने में असफल रहते हैंए वह अकसर ज्यादा बीमार रहते हैं और वह कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिना टीकाकरण वाले बच्चों की मृत्युदर टीकाकरण वाले बच्चों के मुकाबले और ज्यादा होती है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों के दौरान भारत में नवजात बच्चों और पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्युदर में कमी देखी गई है, जबकि इस राष्ट्रीय प्राप्ति के मुकाबले पंजाब राज्य में काफी ज्यादा कमी दर्ज की गई है। सिद्धू ने आगे कहा कि टीकाकरण ने बच्चों में प्रमुख बीमारियों और मृत्युदर में कमी लाने संबंधी अहम भूमिका निभाई है जो कि पंजाब सरकार का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि पिछले दशक के दौरान सरकार द्वारा पोलियो का खात्मा किया, मीजलज की दूसरी खुराक, पेंटावेलंट टीका, ट्रीवालैंट से बाइवालैंट ओपीवी में शिफ्टिंग टीके की शुरुआत की।

डिप्थीरिया रोकथाम को भी प्रयास जारी

मंत्री ने कहा कि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी उम्र के समूहों में डिप्थीरिया की रोकथाम के लिए टीकाकरण प्रोग्राम में डिप्थीरिया टीके (टीटी से टीडी में तबदील) की व्यस्क खुराक भी शुरू की है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को जारी रखते हुए अगस्त, 2019 में रोटावायरस टीका भी लांच किया गया है।


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