प्रदेश भर के अस्पतालों का होगा ‘पोस्टमार्टम’

By: Oct 31st, 2019 12:02 am

शिमला  –प्रदेश में जनता के लिए स्वास्थ्य योजनाआें को चलाने के बाद उसका लाभ उन तक नहीं पहुंचाने वाले स्वास्थ्य नुमाइंदों की खैर नहीं। प्रदेश सरकार ने इसको लेकर जांच के आदेश जारी किए हैं। इसमें सभी जिलों में छोटे-बड़े अस्पतालों में यह जांच की जाएगी कि स्वास्थ्य योजनाआें का लाभ देने में विभाग के अधिकारी कितनी जिम्मेदारी से काम कर रहे हैं। इसमें स्वास्थ्य संबंधित सभी प्रकार के कार्ड के साथ मरीज़ों को फ्री दवाएं देने का रिकार्ड भी शामिल है। लिहाज़ा यदि किसी की लापरवाही पकड़ी गई तो दोषी को चार्जशीट किया जाएगा, जिसमें संबंधित अधिकारी की इन्क्रीमेंट भी रोकी जा सकती है। इसमें खास तौर पर सर्जरी के पैकेज की पर्चियों के ऑडिट के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।  बताया जा रहा है कि अभी तक आईजीएमसी में इस केस को लेकर एक डाक्टर को चार्जशीट किया गया है। स्वास्थ्य योजना का कार्ड होने के बावजूद डाक्टर द्वारा उसका लाभ मरीज़ को नहीं दिलवाने के कारण संबंधित डाक्टर को चार्जशीट किया जा चुका है। अब प्रदेश सरकार और सख्ती बरतने वाली है। इसमें कर्मचारियों और अधिकारियों पर शिकंजा कसा जाने वाला है। अभी तक के रिकार्ड पर गौर करें तो स्वास्थ्य योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले 20 डाक्टर फंसे थे, जिन्हें एक बार चेतावनी देकर छोड़ भी दिया गया था। यह मौखिक शिकायतें बताई गई हैं, लेकिन अब प्रदेश सरकार अस्पतालों में स्वास्थ्य नुमाइंदों पर नज़र रखने वाली है। फिलहाल आईजीएमसी के एक सीनियर डाक्टर के खिलाफ पेश आई शिकायत पर उन्हें चार्जशीट करने के बाद सरकार ने इस मामले को और गंभीरता से लिया है। इसमें मरीजा़ें द्वारा जिन डाक्टर्स की शिकायत सीधे सरकार से की जा रही है, उन चिकित्सकों की लिस्ट तैयार करके उसने खिलाफ भी जल्द ही एक्शन लिया जाएगा।

ऑर्थाे, सर्जरी का इलाज बड़ा महंगा

सरकार के निर्देशों के तहत सबसे ज्यादा नज़र प्रदेश के उस स्वास्थ्य स्टाफ पर रखी जा रही है, जो मरीज़ के इलाज में खासतौर पर उन उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं, जो काफी महंगे होते हैं और उसका खर्च स्वास्थ्य योजनाआें से आसानी से निकल सकता है, लेकिन फिर भी उन्हें बाहर से उपकरणों को खरीदने की सलाह दी जाती है। देखा जाए तो प्रदेश भर के अस्पतालों में प्रतिदिन लगभग दो हजार से ज्यादा ऐसे मरीज आते हैं, जो स्वास्थ्य योजना में इलाज का लाभ लेना चाहते हैं। इसमें मेडिकल कालेजों के ऑर्थो विभाग और कार्डियोलॉजी विभाग में ही 40 से 50 फीसदी मरीज प्रदेश भर से ऐसे भर्ती होते हैं, जिनकी सर्जरी करनी पड़ती है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App