प्राकृतिक खेती में रुझान बढ़ाएगी सरकार

By: Oct 20th, 2019 12:01 am

कम लागत में किसानों की आमदन बढ़ाने के लिए हुआ मंथन

शिमला – प्रदेश के किसानों को प्राकृतिक खेती से प्रेरित करने के लिए प्रदेश सरकार ने रोडमैप तैयार कर दिया है। कृषि लागत में कमी और किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए प्रदेश में शुरू की गई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्य की प्रगति को लेकर शनिवार को राज्य सचिवालय में प्रधान सचिव कृषि ओंकार शर्मा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की गई। इस बैठक में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत शुरू की गई सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि के प्रसार और किसानों के लिए चलाए जो रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में 12 जिला के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर और विषयवाद विशेषज्ञों से जानकारी ली गई। बैठक के दौरान प्रधान सचिव कृषि ओंकार शर्मा ने अधिकारियों को अधिक से अधिक किसान-बागबानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करके सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाने के लिए कहा। इसके अलावा उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस खेती विधि को अपनाने से यदि किसी किसान की आय में कमी हुई है, तो उसकी भी रिपोर्ट तैयार करके उन्हें सौंपे। इस मौके पर प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने चार जिलों लाहुल-स्पीति, चंबा, सिरमौर और मंडी में किए जा रहे कार्यों की सराहना की और अन्य जिलों को दिए गए लक्ष्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश जारी किए।

मंडी में होगा पांच हजार किसानों का सम्मेलन

राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने कहा कि इस साल के 50 हजार किसानों को जोड़ने के लक्ष्य के साथ ही अगले साल की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही बोआई का सीजन खत्म होगा, उसके तुरंत बाद मंडी जिला में पांच हजार से अधिक किसानों का एकदिवसीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि किसानों को देसी नस्ल की गाय की खरीद में अधिकतम 25 हजार की सबसिडी देना शुरू कर दिया है। समीक्षा बैठक के दौरान योजना के कार्यकारी निदेशक डा. राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि को प्रदेश में प्रभावी तरीके से अपनाने के लिए पूरे देश में हिमाचल को शाबाशी मिल रही है।


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