प्राकृतिक खेती में 2209 पंचायतें

By: Oct 30th, 2019 12:03 am

आत्मा में लगे बीटीएम-एटीएम कर्मियों को प्रतिमाह 2500 रुपए

शिमला – मुख्य सचिव डा. श्रीकांत बाल्दी ने कहा है कि प्रदेश में किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती को अपनाने में बागबानी की प्रमुख भूमिका है। किसानों के लिए प्राकृतिक खेती के तहत आने वाली विभिन्न फसलों से संबंधित पद्धतियों की एक सूची बनाई जानी चाहिए। प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए। प्रशिक्षित किसानों की प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए रिफ्रेशर प्रशिक्षण आयोजित किए जाने चाहिए। डा. बाल्दी मंगलवार को यहां प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत जैविक तथा शून्य बजट प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए गठित राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में कृषि तकनीक प्रबंधन एजेंसी (आत्मा) के अंतर्गत नियुक्त किए गए खंड तकनीक प्रबंधक और सहायक तकनीक प्रबंधक को मार्च, 2020 तक प्रतिमाह 2500 रुपए की अतिरिक्त राशि प्रदान करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान वर्ष में इस योजना के तहत 50 हजार किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के अन्तर्गत अभी तक 29579 किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिसमें से 15391 किसानों ने अपने खेतों में प्राकतिक खेती आरंभ कर दी है। राज्य की कुल 3226 पंचायतों में से 2209 पंचायतों को इस योजना के तहत लाया गया है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आबंटित 19.03 करोड़  में से 14.36 करोड़ सभी जिलों को विभिन्न गतिविधियों के लिए आबंटित किए गए हैं। बैठक में मास्टर प्रशिक्षक को मार्च, 2020 तक एक माह में अधिकतम पांच बार प्रशिक्षण प्रदान करने की स्वीकृति प्रदान की गई।


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