फंस गए नायब तहसीलदार-पटवारी

By: Oct 6th, 2019 12:30 am

हाई कोर्ट ने दिए कड़ी जांच के आदेश, आय संबंधी गलत प्रमाणपत्र जारी करना पड़ा महंगा

शिमला – आय संबंधी गलत प्रमाणपत्र जारी करना नायब तहसीलदार व पटवारियों के लिए महंगा पड़ गया। हाई कोर्ट ने इन कर्मियों के खिलाफ विभागीय व आपराधिक कर्रवाई करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने आंगनबाड़ी सहायक की नियुक्ति रद्द करते हुए जिलाधीश सिरमौर को आदेश दिए हैं कि वह प्रमाण पत्र जारी करने वाले हरिपुरधार के नायब तहसीलदार व संबंधित पटवारियों के खिलाफ विभागीय जांच अमल में लाएं। कोर्ट ने 31 मार्च, 2020 तक विभागीय जांच को अंतिम रूप दिए जाने के आदेश जारी किए हैं। प्रदेश उच्च न्यायालय ने नायब तहसीलदार, संबंधित पटवारियों व चाइल्ड रिलीफ एंड वूमन वेलफेयर सोसायटी नाहन के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई भी करने के आदेश जारी किए हैं। कोर्ट के अनुसार इस सोसायटी ने प्रतिवादी अनिता देवी को नर्सरी टीचर ट्रेनिंग को झूठा अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया था। न्यायालय ने जिलाधीश सिरमौर को आदेश जारी किए हैं कि वह मामले से संबंधित सारा रिकॉर्ड इकट्ठा करने के बाद इसकी प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक को सौंपें। इस मामले की जांच पुलिस उपअधीक्षक के ओहदे वाला अधिकारी करे। अगर प्रथम दृष्टया यह साबित हो जाता है कि इन लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला बनता है, तो इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद उसे अंतिम रूप तक ले जाया जाए। अधिकारी व कर्मचारी शायद यह भूल गए हैं कि सरकारी कार्यालय, जिन्हें वे चलाते हैं कि वे सदुपयोग के लिए बने हैं, न कि दुरुपयोग के लिए। अगर इन्हें चलाने वाले इस नियम को भंग करते हैं, तो देश का कानून शक्तिहीन नहीं है, यह अपना काम करेगा और न केवल मनमाने ढंग से लिए गए निर्णय को ही रद्द करेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो। हालांकि सुनवाई के दौरान प्रार्थी कौशल्या देवी की ओर से याचिका वापस लेने की गुहार लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि मात्र जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच के दौरान सामने आई सच्चाई को नजरअंदाज करने के उद्देश्य से प्रार्थी की याचिका को वापस लेने वाली मांग स्वीकारी नहीं जा सकती।

अब सुनवाई अगले साल अप्रैल में

डीसी सिरमौर द्वारा न्यायालय के समक्ष दायर शपथ पत्र के अनुसार उन्होंने जांच के दौरान यह पाया कि नायब तहसीलदार हरिपुरधार ने जो आय का प्रमाण पत्र जारी किया था, वह कृषि भूमि से जुड़ी आय पर आधारित था। पटवारियों की रिपोर्ट पर तैयार किया गया यह प्रमाण पत्र वास्तविक तौर पर गलत पाया गया है। न्यायालय ने इसी जांच के आधार पर नायब तहसीलदार हरिपुरधार व संबंधित पटवारियों के खिलाफ विभागीय व आपराधिक कार्रवाई अमल में लाने के आदेश जारी किए हैं। मामले पर सुनवाई दो अप्रैल, 2020 को होगी।


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