बढ़ता वायु प्रदूषण खतरे की घंटी

By: Oct 24th, 2019 12:05 am

-राजेश कुमार चौहान, जालंधर

प्राणी जाति को जीने के लिए सबसे जरूरी है, जल और वायु, लेकिन यह प्राणी जाति के लिए तभी वरदान बन सकते हैं, जब ये साफ-शुद्ध हों, लेकिन अफसोस तो यह है कि प्राणी जगत में सबसे समझदार समझें जाने वाले प्राणी इनसान ने अपने स्वार्थ के लिए इन तीनों को दूषित कर दिया है। बढ़ता वायु प्रदूषण साल दर साल इनसान की गलतियों के कारण आफत बनता जा रहा है। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में पिछले कुछ वर्षों से पराली का जहरीले धुएं का आतंक सबको चिंतित किए हुए है और दिल्ली की आवोहवा में तो प्रदूषण इस कद्र बढ़ जाता है कि यहां आपातकाल जैसे हालात पैदा हो जाते हैं।  लोगों को इससे बचने के लिए विशेष हिदायतें दी जा रही थीं, लेकिन आखिर ऐसा कब तक चलता रहेगा?


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