बद्दी विवि बना मुक्केबाजों के लिए कुरुक्षेत्र

By: Oct 9th, 2019 12:20 am

22 साल बाद हिमाचल को मिला मेजबानी का मौका, उम्दा गुरुओं के सान्निध्य में सीख रहे गुर

बद्दी -प्रदेश के औद्योगिक नगर बद्दी स्थित बद्दी विश्वविद्यालय आजकल पूरे देश के मुक्केबाजों का कुरुक्षेत्र बना हुआ है। पूरे भारत से यहां पर 39 टीमों के लगभग 308 मुक्केबाजोंे विगत 5 दिनों से डेरा डाले हुए है। इस चैंपियनशिप पर जहां पूरे भारत की निगाहें है वहीं इस रास्ते से निकलने वाले युवा ही ओलंपिक व एशियन गेम्स की ओर अपना टिकट कंफर्म करेंगे। युवाओं के हाथों से इतनी तेजी से पंच निकल रहा है सिर्फ हवा की आवाज के साथ उसको देखा व महसूस किया जा सकता है। टक टक की आवाजों के बाद अपना जबड़ा भी बचाना है और दुश्मन को मात भी देनी है और 13 मिनट के जबरदस्त संघर्ष से जो सोना कूंदन बनेगा वहीं अगले राऊंड में जाएगा। दर्शक व टीमें अपने-अपने खिलाड़ी की हांैसला अफजाई भी करते हैं और एक राउंड के बाद कोच भी अपने शिष्य को खेल जीतने व वापसी करने को प्रेरित करता है। यहां पर धड़ाधड़ हो रहे बाक्सिंग में कई बार विरोधी खिलाड़ी घायल भी हुए हैं उसका उदाहरण उस समय देखने को मिला जब हिमाचल के लंबी कद काठी वाले सुंदरनगर मंडी के आशीष चौधरी ने अपने विरोधी खिलाड़ी पर एकाएक करके मुक्कों की जबरदस्त बरसात कर दी और वह घायल हो गया तथा दूसरे राउंड में उसने वाक ओवर दे दिया। यानी जरा सी चूक हुई और आपने बचाव नहीं किया तो दुश्मन टीम का बाक्सर आपके शरीर को बुरी तरह हिला देता है। हिमाचल की ठंडी वादियां और शांत वातावरण भी मुक्केबाजों को खूब भा रहा है वहीं बद्दी विश्वविद्यालय भी उनकी मेजबानी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही। हिमाचल को इस प्रतियोगिता के आयोजन का अवसर करीब 22 साल बाद मिला है और हमारे प्रदेश के बाक्सिंग फडरेशन के पदाधिकारी भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे के मुक्केबाजों को रहन सहन में कोई भी दिक्कत आए। उनके रात्रि ठहराव व हरेक जरूरत का बारिकी से ध्यान रखा जा रहा है। इस आयोजन में अपने-अपने प्रांत से आए करीब 75 कोच व 70 रिंग ऑफिशियल तथा तकनीकी अधिकारी भी कमान संभाले हुए हैं। इसके अलावा यहां स्थापित दो रिगं के लिए अलग-अलग पांच जज स्कोर के लिए है वहीं उनके उपर एक जयूरी तथा इवेल्यूर भी बैठा है यानी एक भी अंक इस खतरनाक गेम में इधर उधर नहीं हो सकता। आठ अक्तूबर को रात को जहां कवार्टर फाइनलिस्ट का फैसला हो जाएगा वहीं नौ अक्तूबर को पूरा दिन सेमीफाइनल होंगे। 10 तारीक को कौन बनेगा सिकंदर यानी फाइनल होगा और उस दिन तय हो जाएगा कि कौन से किलो वर्ग में कौन कौन सरताज बना। बद्दी विश्वविद्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए हिमाचल प्रदेश बाक्सिंग फेडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश भंडारी व महामंत्री सुरेंद शांडिल ने बताया कि इस प्रतियोगिता का महत्त्व यह है कि यहां से चुने हुए लड़कों से भारत की टीम बनेंगी और बेहतर युवाओं को कोचिंग कैंप में जाने का मौका मिलेगा।  उन्हांेने बताया कि ओलंपिक में इसके बाद भी सीधे एंट्री नहीं मिलेगी बल्कि यहां से विजेता खिलाडि़यों को जनवरी में चाईना में एक और परीक्षा से गुजरना पड़ेगा। यूटी स्टेट बनने के बाद लददाख के खिलाड़ी पहली बार इसमें भाग ले रहे। इस अवसर पर बद्दी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर टीआर भारद्वाज, रजिस्ट्रार जेके शर्मा व मीडिया प्रभारी गुलशन संधू भी उपस्थित थे।

हिमाचल के दस में सात बाहर

हिमाचल प्रदेश की टीम में 10 में से सिर्फ तीन खिलाड़ी क्वार्टर फाइनल में पहुंचे हैं और उनसे आस है कि वो आगे भी निकलेंगे। आशीष चौधरी जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक विजेता है का एशिया में सातवां रैंक है और ज्यादा आस उन्हीं से है।


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