बल्ह में नहीं बनने देंगे एयरपोर्ट

By: Oct 26th, 2019 12:01 am

संघर्ष समिति ने किया विरोध, हवाई अड्डा दूसरी जगह बदलने की मांग

मंडी, नेरचौक – मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट हवाई अड्डे के निर्माण को केंद्र सरकार ने जहां एक तरफ सैद्धांतिक मजूंरी प्रदान कर दी है, वहीं बल्ह के किसानों ने फिर से हवाई अड्डें के निर्माण का विरोध जताया है। हवाई अड्डा बनाने की कवायद शुरू होने से विरोध करती आ रही बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति ने अब फिर से हवाई अड्डे के खिलाफ मोर्चा खोला है। समिति का कहना है कि प्रदेश सरकार मिनी पंजाब से मशहूर बल्ह घाटी की उपजाऊ भूमि की जगह कहीं और हवाई अड्डे का निर्माण करवाए। शुक्रवार को समिति की हुई बैठक में हवाई अड्डे का जोरदार विरोध किसानों ने जताया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए परस राम ने कहा कि बल्ह के किसान पहले से इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार किसानों की उपजाऊ भूमि को बर्बाद करने पर तुली हुई है। फोरलेन प्रोजेक्ट में पहले ही किसानों की बेशकीमती भूमि जा चुकी है।  बैठक में फोरलेन संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष जोगिंद्र वालिया ने कहा कि एक तरफ  राज्य सरकार कीरतपुर-नेरचोक तक 85 किलोमीटर लंबे फोरलेन में भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को पूर्णता लागू नहीं कर रही है और अब एक और प्रोजेक्ट के जरिए किसानों की भूमि छीनने की तैयारी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि फोरलेन में अब तक न तो जमीन का चार गुना मुआवजा बाजार भाव के अनुसार दिया गया है और न ही प्रभावित किसानों व दुकानदारों के पुनर्वास और पुनर्स्थापना सरकार ने की है। बल्ह बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष नंद लाल वर्मा ने कहा कि सरकार पहले फोरलेन प्रभावित किसानों को चार गुना मुआवजा दे और पुनर्वास व पुनर्स्थापना भी करे, ताकि किसानों को सरकार  पर विश्वास हो सके।

घाटी के ये क्षेत्र होंगे प्रभावित

बल्ह में एयरपोर्ट बनने से हजारों किसान प्रभावित होंगे। ढाबण से कुम्मी की तरफ 11 गांव सीधे-सीधे हवाई अड्डे की जद में आ रहे हैं। एयरपोर्ट के लिए किसानों की 3500 बीघा भूमि का अधिग्रहण होना है। इसके अलावा 2000 मकान और हजारों लोग विस्थापित होंगे।


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