बाबा ने साथियों के साथ मिल रचा था समाधि से गायब होने का ढोंग

By: Oct 15th, 2019 12:01 am

पुलिस पूछताछ में हुआ खुलासा सारा सामान भक्तों को दे खाकी के पहरे में वापस लौटे सभी बाबा

पुन्नी – शिमला ग्रामीण के बसंतपुर स्थित महाकाल मंदिर में समाधि से गायब हुए बाबा का पर्दाफाश हो गया है। बाबा देवेंद्र नाथ ढोंगी ही निकला। पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुका शिमला के बसंतपुर स्थित महाकाल मंदिर का संस्थापक बाबा अब अपने साथियों सहित क्षेत्र से रुखसत हो गया है। सोमवार देर रात तक पुलिस की मौजूदगी में बाबा अपना सामान समेट कर वापस चला गया। मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा भेंट की गई वस्तुएं उन्हें वापस कर दी गईं, जबकि मंदिर में स्थापित शिवलिंग एवं मूर्तियों को बाबाओं को दे दिया गया। सोमवार को पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि महाकाल मंदिर के संस्थापक बाबा एवं उसके साथी राजेंद्र ने साजिश रची थी, जिसके तहत 29 सितंबर को गड्ढे में गया देवेंद्र नाथ 30 सितंबर को तड़के उस समय गड्ढे से निकल गया, जब वहां कोई भी नहीं था। उसके बाद गड्ढे के ऊपर डाले गए तख्तों पर फिर से मिट्टी डाल कर नौ दिनों तक बाबा के समाधि में लीन होने का प्रचार होता रहा। बता दें कि बसंतपुर विकास खंड कार्यालय के समीप महाकाल मंदिर में बाबा देवेंद्र नाथ लगभग पांच फुट गहरे गड्ढे में समाधि में चला गया। इस दौरान भागवत कथा का आयोजन भी किया गया। इसमें सैकड़ों श्रद्धालु हिस्सा लेते रहे। नौ दिन समाधि में लीन प्रमुख बाबा देवंद्र नाथ निर्धारित दिन जब गड्ढे से बाहर नहीं निकला, तो मंदिर के अन्य बाबाओं एवं भक्तों ने प्रचार कर दिया कि बाबा स्वर्गलोक चला  गया है। मामला पुलिस तक पहुंचा तो बताया गया कि बाबा उज्जैन चला गया है। इसके बाद मंदिर के बाबा एवं दो अन्य लोग उज्जैन गए तथा शनिवार देर रात्रि वापस लौट आए। इस प्रकरण का पर्दाफाश होने के बाद बाबाओं ने वापस जाने का निर्णय लिया है। हालांकि सुरक्षा कारणों से भी बाबाओं को यहां से जाने को कहा गया है, क्यों कि यहां रहने पर बाबाओं को खतरा भी हो सकता था। जानकारी के अनुसार रविवार रात को मंदिर के बाहर दजनों लोग सड़क पर घूमते हुए पाए गए। बाबा एवं अन्य भक्तों ने किसी अनहोनी की आशंका से पुलिस को बुला लिया। पुलिस एवं पंचायत प्रतिनधि देर तक मंत्रणा करते रहे। देर रात पुलिस बाबाओं को थाने ले गई, जबकि कुछ पुलिस कर्मी रात भर मंदिर में ही तैनात रहे। बताया जा रहा है कि बाबा की नोटंकी को देखते हुए उसके समर्थक ही उसके विरुद्ध हो गए हैं। समर्थक भी हैरान हैं कि बाबा ने ऐसा क्यों किया। उपाधीक्षक शिमला दिनेश शर्मा ने बताया कि बाबा का झूठ पकड़ा गया है तथा वह वापस चला गया है।

आठ साल पहले हरियाणा से आया था बाबा

करीब आठ वर्ष पहले हरियाणा के जिला पलवल से बाबा देवेंद्र नाथ बसंतपुर आया था। उसका शिमला में रहने वाले यहां के एक निवासी से संपर्क हो गया, जो महादेव का भक्त था। उसने बाबा को रहने के लिए अपनी जमीन दी। बाबा ने यहां महाकाल मंदिर की स्थापना की तथा धार्मिक गतिविधियां करने लगा। इस दौरान बसंतपुर तथा आसपास की पंचायतों के सैकड़ों लोग बाबा के भक्त बन गए। हालांकि धीरे-धीरे नशे के शौकीनों की संख्या भी बढ़ने लगी, जिसमें युवा वर्ग ज्यादा था।


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