बीमार उद्योगों को दुरस्त करेंगे कैप्टन

By: Oct 28th, 2019 12:02 am

पंजाब सरकार इंडस्ट्री की हालत सुधारेगी, धोखाधड़ी करने वालों पर कसा जाएगा शिकंजा

चंडीगढ़ – पंजाब सरकार अब सूबे की बीमार इंडस्ट्री की हालत को सुधारने के लिए कुछ सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। क्योंकि कुछ कारोबारी सरकार द्वारा दिए जाने वाले बेनिफिट का फायदा उठाने के चक्कर में पंजाब में इकाई तो स्थापित कर लेते हैं। लेकिन बाद में इन ईकाइयों को छोड़ दूसरे राज्यों में चले जाते हैं। ऐसे में सरकार को इन ईकाइयों को दिए बेनिफिट से नुकसान होता है और सूबे की साख भी खराब होती है। क्योंकि अकसर कई ईकाइयों के संचालक दूसरे राज्यों में ज्यादा बेनिफिट मिलने की वजह से पंजाब की ईकाइयों को छोड़ कर दूसरी जगह इकाई लगा लेते हैं। लेकिन अब इंडस्ट्री विभाग ने ऐसा करने से रोकने के लिए सख्त नियम लाने की तैयारी कर रही है। जिसके बाद संचालकों को पंजाब में लगाई यूनिट को चलाना ही होगा। नहीं तो सरकार बेनिफिट वापस ले लेगी। इंडस्ट्री एंड कामर्स मंत्री श्याम सुंदर अरोडा का कहना है कि विभाग अब बीमार उद्योगों को पटरी पर लाने की तैयारी कर रहा है। अब पंजाब में औद्योगिक यूनिट लगाने वालों के लिए अब विभाग द्वारा यह नियम बनाने की तैयारी की जा रही है। जिसमें संचालक को कहीं दूसरे राज्य में अपनी यूनिट लगाने पर भी पंजाब में लगाई अपनी यूनिट को चालू रखना होगा। जिससे पंजाब की इंडस्ट्री से भी उत्पादन किया जा सकें और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुले रहे। बीते सालों में पंजाब की अपनी यूनिट को खस्ताहाल मे छोड़ कर दूसरे राज्यों में अपनी यूनिट चलाने वालों की एक लिस्ट बनाई जाएगी। इसके बाद इन यूनिटों से संपर्क किया जाएगा कि उन्होंने अपनी यूनिट को पंजाब में क्यों बंद कर दूसरे राज्य में शिफ्ट की। इसके अलावा उस यूनिट की सरकार की ओर देनदारी को भी देखा जाएगा। ऐसे में विभाग के करोड़ों रुपये की लेनदारी निकलेंगी। ऐेसी यूनिट जिनकी सरकार की ओर देनदारी बनती है और वह उसे चुका नहीं रहा है तो इसके लिए विभाग सेटलमेंट करने को भी तैयारी कर रहा है। जिससे विभाग के पास फंसा हुआ पैसा भी आ जाएगा और पंजाब की बंद होने की कगार पर खड़ी यूनिटें भी चालू हो जाएगी।  सरकार इंडस्ट्री शुरू करने के लिए कई सुविधाएं देती है, ताकि सूबे में उद्योगों को बढ़ावा मिले और निवेश भी बढ़े। किसी भी यूनिट के पंजाब में स्थापित होने से सरकार को टैक्स एवं अन्य करों के रूप में राजस्व मिलता है। ऐसे में सरकार चाहती है कि फिर से पटरी पर लाया जाए। जिससे कंपनियों के संचालक दूसरे राज्यों की ओर रुख न करें। इंडस्ट्री के दूसरे राज्य में शिफ्ट करने का सीधा असर रोजगार पर पड़ता है। ऐसे में बेरोजगार लाइन में खड़े हो जाते हैं। इसलिए भी विभाग चाह रहा है कि वह संचालक बेशक कही और अपनी दूसरी यूनिट शुरू करें लेकिन पेरेंटल यूनिट को चालू रखना होगा।


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