बैंक घोटालों से लुटता जनतंत्र

By: Oct 29th, 2019 12:06 am

अनुज कुमार आचार्य

लेखक, बैजनाथ से हैं

भारत में फुलप्रूफ बैंकिंग तंत्र के न होने के चलते बैंक घोटालों का पुराना इतिहास रहा है। भारतवर्ष में पिछले कुछ वर्षों से लगातार पकड़ में आ रहे बैंक घोटालों की वजह से आम नागरिकों का बैंकिंग सेक्टर के प्रति भरोसा डगमगाया हुआ है। पंजाब नेशनल बैंक के साथ डायमंड कारोबारी नीरव मोदी का 11 हजार करोड़ का घोटाला, स्टर्लिंग बायोटेक के संदेशर ब्रदर्स का 14500 करोड़ का घोटाला और विजय माल्या द्वारा 13 बैंकों से किया गया 9432 करोड़ का घोटाला जगजाहिर है…

मनुष्य जीवन दुर्लभ है, उसे वह शांतिपूर्वक बिताना भी चाहता है, लेकिन वर्तमान समय में नित्यप्रति की भागदौड़ और भौतिकतावादी जीवन की चकाचौंध से आम आदमी का जीवन वैसे ही भ्रमित और विचलित रहता है। ऊपर से कहीं भविष्य की सुरक्षा की सोच के चलते बैंकों में रखी आपकी जमापूंजी ही डूबने की नौबत आ जाए तो आपके दिलों की धड़कन बढ़ना तय है और यदि जीवन ही खत्म हो जाए तो आपने क्या पाया? कुछ ऐसा ही पंजाब और महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक घोटाले की मार के चलते फत्तोमल पंजाबी, संजय गुलाटी और दो अन्य खाताधारकों के परिवारों के साथ हुआ है। इन चारों की मौत बैंकिंग सिस्टम की गंभीर खामियों की ओर इशारा करती है, जिस पर आजकल पूरे देश में बवाल मचा हुआ है और चर्चाओं का बाजार गर्म है। भारत में फुलप्रूफ बैंकिंग तंत्र के न होने के चलते बैंक घोटालों का पुराना इतिहास रहा है। भारतवर्ष में पिछले कुछ वर्षों से लगातार पकड़ में आ रहे बैंक घोटालों की वजह से आम नागरिकों का बैंकिंग सेक्टर के प्रति भरोसा डगमगाया हुआ है। पंजाब नेशनल बैंक के साथ डायमंड कारोबारी नीरव मोदी का 11 हजार करोड़ का घोटाला, स्टर्लिंग बायोटेक के संदेशर ब्रदर्स का 14500 करोड़ का घोटाला और विजय माल्या द्वारा 13 बैंकों से किया गया 9432 करोड़ का घोटाला जगजाहिर है। हिमाचल प्रदेश में इंडियन टेक्नोमैक कंपनी पर 17 बैंकों से 2175 करोड़ का घोटाला करने का आरोप है। पंजाब और महाराष्ट्र बैंक घोटाले के कारण बैंक में अपनी जीवन भर की जमापूंजी निवेश करने वाले ग्राहकों की सांसें अटकी हुई हैं। इस बैंक के प्रबंधकों ने बैंक के कुल 9000 करोड़ के कर्ज में कथित तौर पर 70 फीसदी कर्ज अकेले एचडीआईएल को दे रखा था जो एनपीए बन गया और इसे बैंक ने आरबीआई की जांच-पड़ताल से छिपा कर रखा था।

देश के टॉप 10 को-आपरेटिव बैंकों में से एक पंजाब और महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक की देश में 137 शाखाएं हैं। बैंक प्रबंधन ने घाटे में चल रही एचडीआईएल कंपनी के खाते में सीधे 2000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए थे। एचडीआईएल के मालिक राकेश और सारंग वधावन सहित पीएमसी बैंक के तीन मुख्य अधिकारियों को मुंबई पुलिस के इकॉनोमिक आफेंस विंग की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने गिरफ्तार किया हुआ है। आरोप है कि 4355 करोड़  के बैंक घोटाले में महाराष्ट्र-पंजाब को-आपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह ने 400 करोड़ की संपत्ति अर्जित की है। 1991 के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधारों के चलते बैंकिंग कारोबार में बढ़ोतरी होने तथा प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जनधन खातों के खुलवाने के बाद बड़ी संख्या में भारतीय लोग बैंकिंग तंत्र से जुड़े हैं। आज बैंकों में देश के लोगों की जमापूंजी-सेविंग इत्यादि जमा है, लेकिन जब भी बैंकिंग सिस्टम में कोई बड़ा घोटाला सामने आता है तो देश के आम नागरिकों के हित प्रभावित होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार भारत में अभी तक दो लाख करोड़ रुपए के बैंक घोटाले हो चुके हैं और इनमें से 92 प्रतिशत मामले लोन से जुड़े हुए हैं। ऐसे घोटालों की वजह से विदेशी निवेशकों का भरोसा टूटता है। आरबीआई के अनुसार धोखाधड़ी के 12 फीसदी मामलों में बैंक कर्मचारी लिप्त पाए गए हैं।

आज की तारीख में बैंकों द्वारा अपने खाता-बही दुरुस्त दिखाने के चक्कर में स्कूली बच्चों तक की 500 रुपए की मामूली रकम को भी तिमाही और वार्षिक सेवा शुल्क और एसएमएस भेजने के नाम पर डकार जाना बैंकों की सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा बन चुका है। हिमाचल प्रदेश में आजकल स्कूली छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति और वर्दी सिलाई का भुगतान सीधे छात्रों के बैंक खाते में डालने का प्रावधान है, लेकिन एक तो बैंक अधिकारी जीरो बैलेंस अकाउंट खोलने में आनाकानी करते हैं तो वहीं अभिभावकों पर अनिवार्य रूप से न्यूनतम एक हजार रुपए से खाता खोलने का दबाव भी बनाते हैं। आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार बड़े उद्योगों को दिए जाने वाले 100 रुपए के कर्ज में से 19 रुपए डूब रहे हैं। सरकार को बैंकिंग तंत्र के उच्चाधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करनी चाहिए, बैंकों के लिए सख्त नियम बने, अधिकारियों के नियमित तबादले हों, जोखिमयुक्त लोन मंजूर न हों, राजनीतिक हस्तक्षेप बिलकुल न हो और साइबर फ्रॉड पर शिकंजा कसा जाए। और हां, कम से कम विद्यार्थियों और गरीब लोगों की मामूली बचत को बैंकों द्वारा लूटा जाना बंद होना चाहिए तथा न्यूनतम बैलेंस रखने की बाध्यता भी समाप्त होनी चाहिए। सबसे बढ़कर सरकार बैंक ग्राहकों को उनकी जमापूंजी की सुरक्षा एवं समयबद्ध भुगतान की गारंटी दे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App