भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी समेत तीन को अर्थशास्त्र का नोबेल
ओस्लो – भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्तेय डिफ्लो और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर माइकल क्रेमर को संयुक्त रूप से 2019 के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 21 साल बाद किसी भारतवंशी को अर्थशास्त्र के नोबेल के लिए चुना गया है। अभिजीत से पहले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर अमर्त्य सेन को 1998 में यह सम्मान दिया गया था। फिलहाल तीनों अर्थशास्त्रियों को वैश्विक गरीबी खत्म करने के प्रयोग के उनके शोध के लिए सम्मानित किया गया है। इकोनॉमिक साइंसेज कैटेगरी के तहत यह सम्मान पाने वाले अभिजीत बनर्जी भारतीय मूल के अमरीकी नागरिक हैं। फिलहाल वह मैसाचुसेट्स इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इकॉनोमिक्स के प्रोफेसर हैं। वह और उनकी पत्नी डिफ्लो अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी ऐक्शन लैब के को-फाउंडर हैं। बता दें कि बनर्जी ने 1981 में कोलकाता यूनिवर्सिटी से बीएससी किया था, जबकि 1983 में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से एमए की थी। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से 1988 में पीएचडी की थी। नोबेल कमेटी ने अपने बयान में कहा है कि उनकी रिसर्च से वैश्विक गरीबी से निपटने में अहम मदद मिली है। बीते दो दशकों में उनकी प्रयोग आधारित अप्रोच से डिवेलपमेंट इकॉनोमिक्स में बड़ा बदलाव आया है। इससे रिसर्च के फील्ड में नई प्रगति आई है।
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