मरीजों की भीड़; डाक्टर कम, राज्यपाल रहे दंग

By: Oct 17th, 2019 12:30 am

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने रिपन अस्पताल में तीन घंटे तक बारीकी से जांची हर व्यवस्था

शिमला  –सुबह के ठीक दस बजे और प्रदेश के राज्यपाल जिला अस्पताल रिप्पन के अंदर। सीधे की आरथो ओपीडी मंे चले गए पहले तो अस्पताल स्टाफ के कर्मचारी उन्हंे पहचान ही नहीं पाए लेकिन बाद मंे अस्पताल प्रशासन के कई अधिकारी दौड़े- दौड़े मौके पर पहुंच गए। बीते सोमवार को पोर्टमोर स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे राज्यपाल दो दिन के बाद ही बुधवार को जिला अस्पताल रिप्पन औचक निरीक्षण के लिए पहुंच गए। वहां पर एकाएक औचक निरीक्षण पर पहुंचने पर प्रशासन मंे भी अफरा तफरी का माहौल हो गया। हालांंकि उनके आने के बाद डॉक्टर्स और सफाई कर्मचारियांे ने अपनी मांगांे का पिटारा राज्यपाल को पेश कर दिया। लेकिन बंडारू दत्तात्रेय उस समय हैरान रह गए जब एक ओपीडी मंे मरीजांे का भारी रश और उन्हंे देखने के लिए इक्का-दुक्का डॉक्टर देखे गए। एनएचएम के तहत रखे गए कुछ डाक्टर्स ने राज्यपाल से कहा कि उन्हंे इंक्रीमंेट नहीं मिल पाती है। वहीं सफाई कर्मचारियांे ने भी अपना दुखड़ा प्रदेश राज्यपाल के समक्ष रोया। सफाई कर्मचारियांे ने कहा कि उन्हंे बेसिक सेलेरी नहीं दी जा रही है। जिस पर राज्यपाल ने प्रशासन को मांगांे से संबंधित एक प्रस्ताव तैयार करने और उसे सौंपने के निर्देश जारी किए हैं। जिस पर राज्यपाल ने कहा कि वह इस मांग को प्रदेश सरकार के समक्ष सौंपेंगें। देखा गया कि शिमला स्थित दीन दयाल उपाध्याय क्षेत्रीय अस्पताल की सफाई व्यवस्था और वहां कार्यरत स्टॉफ के सेवा भाव से राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय काफी प्रभावित भी हुए। अस्पताल में औचक निरीक्षण के बावजूद, यहां आने वाले रोगियों व उनके तीमारदारों में किसी भी प्रकार की नाराजगी नहीं दिखी। व्यवस्था से खुश होकर राज्यपाल ने अस्पताल प्रशासन की पीठ भी थपथपाई। राज्यपाल ने ओपीडी ब्लॉक जाकर ऑर्थो, चाईल्ड व गाइनी ओपीडी में जाकर व्यवस्था का जायज़ा लिया।

विस्तार की जरूरत
राज्यपाल रिपन की सफाई व्यवस्था से संतुष्ट दिखे, लेकिन स्टाफ के ग्राफ बढ़ाने के लिए जरूरी गंभीरता जाहिर की। जिसमंे अस्पताल मंे बिस्तरांे की संख्या और स्थान के विस्तार के बारे मंे भी कहा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. जितेंद्र चैहान तथा वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. लोकिंद्र शर्मा ने राज्यपाल को अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं से अवगत करवाया।

रोगी वाहनाें की संख्या क्याें कम
राज्यपाल ने अस्पताल में कार्डियक यूनिट न होने तथा स्वास्थ्य जागरूकता के लिए अलग से केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया। राज्यपाल ने अस्पताल के लिए अलग से रक्तदान वैन उपलब्ध करवाने तथा राजधानी का बड़ा अस्पताल होने के कारण वशिष्ट सेवाओं के लिए रोगी वाहन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यहां फिज़योथेरेपिस्ट के और पद सृजित किए जाने चाहिए। उन्होंने अस्पताल के पुराने भवन का भी अवलोकन किया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन की मांग पर कहा कि नया भवन बनाने पर विचार किया जा सकता है। सभी आवश्यक सुविधाओं पर उन्होंने अस्पताल प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ड तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर वह प्रदेश सरकार से बातचीत करेंगे ताकि यहां और सुविधाएं मुहैया करवाई जा सकें।

मरीज़ों को बैठने को बैंच नहीं
ओपीडी में आए अधिकांश रोगियों ने बैठने के लिए बैंच सुविधा की कमी से राज्यपाल को अवगत करवाया। आर्थो ओपीडी में तैनात डॉ रविन्दर मोक्टा ने बताया कि यहां प्रतिदिन लगभग 300 के करीब रोगी आते हैं। इसी तरह, चाईल्ड ओपीडी में कार्यरत डॉ चंपा पंवर ने बताया कि यहां करीब 130-150 रोगी जांच के लिए आते हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ ममता ने बताया कि यहां करीब 100 महिलाएं प्रतिदिन जांच के लिए आती और महीने में अस्पताल में करीब 200 प्रसूति की जाती हैं। बंडारू दत्तात्रेय ने मानसिक स्वास्थ्य डी-एडिक्शन किशोर परामर्श केंद्र, प्रयोगशाला जांच केंद्र, आपरेशन थियेटर में रोगियों को दी जा रही सेवाओं व आधुनिक उपकरणों के बारे में जानकारी हासिल की। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से विशेषज्ञ सेवाओं के बारे में जानकारी ली।


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