समय पर उपचार ही टीबी से बचाव

By: Oct 11th, 2019 12:20 am

नालागढ़-क्षय रोग मुक्त हिमाचल अभियान के अंतर्गत गुरुवार को सोलन जिला के नालागढ़ उपमंडल में आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. राजेंद्र शर्मा ने की। डा. राजेंद्र शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि दो सप्ताह से ज्यादा बुखार, खांसी अथवा वजन कम होने की समस्या क्षय रोग के लक्षण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी अवस्था में व्यक्ति को तुरंत समीप के चिकित्सा केंद्र में जाकर परामर्श व जांच करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षय रोग यानी टीबी का इलाज संभव है तथा सही समय पर जांच व नियमित उपचार के साथ इस रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यशाला में उपस्थित चिकित्सकों का आह्वान किया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर संभावित क्षय रोगियों की लक्षण अनुसार पहचान करें तथा यह सुनिश्चित बनाएं कि इन रोगियों को जांच के उपरांत समुचित उपचार प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि क्षय रोग से बचाव का एकमात्र उपाय समय पर जांच एवं उपचार है और इस दिशा में चिकित्सकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को नालागढ़ उपमंडल के विभिन्न आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थानों के फार्मासिस्टों को क्षय रोग के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. मुक्ता रस्तोगी ने कहा कि सोलन जिला में क्षय रोग से पीडि़त लगभग 1500 रोगी हैं। इनमें से लगभग 500 रोगी केवल नालागढ़ उपमंडल में ही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने वर्ष 2021 तक हिमाचल को क्षय रोग मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है तथा इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक व्यक्ति को क्षय रोग के विषय में जागरूक किया जाए। उन्होंने क्षय रोग के विषय में उपस्थित चिकित्सकों की शंकाओं का निवारण भी किया। कार्यशाला में डा. राजेश शर्मा ने विश्व में बढ़ती क्षय रोगियों की संख्या के दुष्प्रभावों और क्षय रोग की विस्तृत जानकारी प्रदान की। डा. कर्णेश नागल ने क्षय रोग के लक्षण व उपचार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। डा. जयपाल गर्ग ने क्षय रोगी की जांच के लिए प्रयोगशालाओं की सुविधाओं तथा हिमाचल प्रदेश में रेफरल लिंक केस के बारे में जानकारी प्रदान की। डा. आशा मधानियां ने क्षय रोग के उपचार में दवाइयों की उचित मात्रा तथा उपचार की अवधि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यशाला में क्षय रोग के विषय में एक परीक्षा भी ली गई। कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों को जिला आयुर्वेदिक अधिकारी सोलन डा. राजेंद्र शर्मा तथा जिला क्षय रोग अधिकारी डा. मुक्ता रस्तोगी द्वारा प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।


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