हिमाचल के सेब मीठे, पर रेट फीके

By: Oct 13th, 2019 12:01 am

प्रदेश के बागबानों को नहीं मिला फसल का उचित दाम, राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने तैयार की रिपोर्ट

शिमला – प्रदेश में बागबानों को उनके सेब के दाम सही नहीं मिल रहे। किन कारणों से ऐसा हो रहा है, इसे जानने की जरूरत है और इसके लिए एक कमेटी ने अपने सुझाव दिए हैं। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने इस संबंध में एक कमेटी बनाई थी, जिसने बागबानों को पेश आ रही दिक्कतों के बारे में बताया है। संगठन इस रिपोर्ट को सरकार को सौंपेगा। शनिवार को शिमला में पंचायती राज संगठन के राज्य समन्वयक दीपक राठौर ने कहा कि कमेटी के सदस्यों ने नारकंडा और पराला मंडी में जाकर आढ़तियों, लदानियों और बागबानों से उनकी समस्याओं को जाना। उन्होंने बागबानों को सेब के उचित दाम न मिलने के पीछे सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। दीपक राठौर ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सरकार सेब सीजन से पहले कोल्ड स्टोर की उचित व्यवस्था कर देती तो आज बागबानों को औने-पौने दाम में सेब नहीं बेचना पड़ता। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी सेब पर निर्भर है, लेकिन सरकार बागबानों को उनकी मेहनत के उचित दाम दिलवाने में पूरी तरह नाकाम रही है।  उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि सेब के जो दाम आज से दस साल पहले थे, वही रेट आज भी बागबानों को मिल रहे हैं। इसकी एक सूची भी उन्होंने तैयार की है। उन्होंने बताया कि बागबानों से आज भी सेब औसतन 1100 से 1200 रुपए प्रति सेब की पेटी खरीदा जा रहा है, जबकि आढ़ती बागबानों से सेब खरीद कर खूब लाभ कमा रहे हैं।  श्री राठौर ने सरकार से मांग की है कि अगले सेब सीजन से पहले सरकार छह सात पंचायतों का एक क्लस्टर बनाए और वहां पर अलग से कोल्ड स्टोर की व्यवस्था करे, ताकि बागवान अपना सेब वहां पर रख सकें। उन्होंने सहकारी सभाओं की देख-रेख में यह कोल्ड स्टोर चलाने की मांग की। साथ ही उन्होंने आढ़त को एक छत के नीचे लाने की मांग की ताकि सैंकड़ों आढ़ती बागवानों से सेब खरीद सकें। उनके द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट में सामने आया है कि मंडी में जरूरत से अधिक सेब की पेटियों को भेजा गया, फल मंडियों में सेब क्षमता से ज्यादा पहुंचा, जिस कारण दामों में गिरावट आ गई। अगले साल तक अगर सरकारे इस दिशा में कोई उचित कदम नहीं उठाती है तो संगठन आंदोलन करेगा और बागबानों को जागरूक करके उन्हें साथ लाएगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App