इन्वेस्टर मीट से कायाकल्प

By: Nov 18th, 2019 12:06 am

अनुज कुमार आचार्य

लेखक, बैजनाथ से हैं

हिमाचल प्रदेश के सुंदर पर्यटक शहर धर्मशाला में ‘राइजिंग हिमाचल’ के अंतर्गत ‘ग्लोबल इन्वेस्टर मीट’ के सफल आयोजन से हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में नया निवेश आने की दिशा में एक नई पहल की शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेशकों से कहा कि मैं मेहमान नहीं हिमाचली हूं, आए हैं आप मेरे मेहमान हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यहां की धरती पर निवेश करें, हिमाचल आपको आशीर्वाद देता रहेगा। हिमाचल बढ़ेगा तो हिंदुस्तान भी आगे बढ़ेगा और आप भी। उन्होंने निवेशकों से अपील की कि वे अब देवभूमि को अपनी कर्मभूमि बना लें। प्रधानमंत्री का यह संदेश निवेशकों का होसला बढ़ाने वाला है तो वहीं हिमाचल से उनके जुड़ाव-लगाव की ओर भी इशारा करता है। हिमाचल की आर्थिकी सुदृढ़ हो और यहां की शिक्षित युवा आबादी को अपना हुनर प्रदर्शित करने और अपने पंख पसारने के लिए खुला आसमान नसीब हो, इस दिशा में बड़े प्रयास की जरूरत थी और ग्लोबल इन्वेस्टर मीट इस उद्देश्य की पूर्ति का सर्वश्रेष्ठ माध्यम साबित होगी ऐसी उम्मीदें जगी हैं। हिमाचल प्रदेश में अधिकाधिक निजी  निवेश आए, हिमाचल की आर्थिकी मजबूत हो तथा बेरोजगारी का कोई पुख्ता समाधान हो इस परिकल्पना को धरातल पर साकार करने का जिम्मा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उठाया और ये उनकी टीम के गंभीर प्रयासों का ही सुफल है जिसकी परिणति राइजिंग हिमाचल-ग्लोबल इन्वेस्टर मीट की सफलता के रूप में हुई है। हिमाचल प्रदेश में पहले से ही जल विद्युत-ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं छुपी हुई हैं, लिहाजा हाइड्रो एवं नवीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक 3,38,52 करोड़ का निवेश नई नौकरियों और रोजगार संबंधी हमारी चिंताओं का निराकरण करने में सहायक होगा। पर्यटन-हॉस्पिटलिटी के क्षेत्र में 15,978 करोड़ रुपए के निवेश समझौते से निश्चित रूप से हमारी पर्यटन संभावनाओं को बल मिलेगा और आने वाले समय में भारत के पहले 10 सबसे ज्यादा पसंदीदा पर्यटन गंतव्य स्थलों में हिमाचल भी शामिल होगा, ऐसी उम्मीदें बंधती हैं। फार्मास्युटिकल के क्षेत्र में हिमाचल के बीबीएन में पहले से ही निवेश धरातल पर हुआ है और 13,015 करोड़ के नवीन समझौतों से इस सेक्टर को और मजबूती मिलेगी। हिमाचल में निवेश के दृष्टिकोण से हाउसिंग एक नया सेक्टर है जिसमें 12278 करोड़ का निजी निवेश अनुमानित है। यूडी-ट्रांसपोर्ट में 8938, फूड प्रोसेसिंग में 2401, एजुकेशन स्किल में 1902 और आयुष एंड हेल्थ केयर में 1641 करोड़ के सभी एमओयू यदि वास्तविकता में धरातल पर उतरें तो निश्चित रुप से समृद्ध सशक्त हिमाचल की परिकल्पना को हम धरातल पर साकार होते देखेंगे। जयराम सरकार ने जिस तरह से लगातार परिश्रम कर मैदानी राज्यों से बाहर इस पर्वतीय राज्य में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट को साकार कर दिखाया है, वह अद्भुत एवं प्रशंसनीय है। इससे यह उम्मीद जरूर बनती है कि आने वाले समय में यदि यह सभी एमओयू धरातल पर साकार रूप लेते हैं तो हिमाचल प्रदेश के सतत एवं सर्वांगीण विकास के साथ-साथ समृद्ध तथा विकसित हिमाचल का जयराम सरकार का सपना जरूर सच साबित होगा।


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