कर्म बंधन क्या है

By: Nov 23rd, 2019 12:20 am

सद्गुरु  जग्गी वासुदेव

कर्म बंधन क्या है? क्या कर्म बंधन के कई प्रकार हैं? वे हम पर कैसे असर डालते हैं?

सद्गुरु-अाप जिसे ‘मेरा जीवन’ कहते हैं, वह एक निश्चित मात्रा की ऊर्जा है, जो एक निश्चित मात्रा की जानकारी से नियंत्रित होती है। आजकल की शब्दावली के अनुसार इस जानकारी को हम सॉफ्टवेयर कह सकते हैं। जीवन ऊर्जा की एक खास मात्रा से सूचना की एक खास मात्रा जुड़ी होती है। इन दोनों के मिलने से जो सूचना तकनीक बनती है, वो ही आप हैं। आप में भरी गई एक खास प्रकार की जानकारी के कारण आप एक विशेष प्रकार के इंसान बन जाते हैं। जो प्रभाव अतीत में जीवन पर पड़े हैं, वो आपके जन्म से कहीं पुराने हैं, लेकिन अगर आपके वर्तमान के बोध के अनुसार देखें, तो आपके जन्म से आज तक, आपके माता पिता कैसे थे, आपका परिवार कैसा था, आपको कैसी शिक्षा मिली, धार्मिक और सामाजिक रूप से आप पर कैसे प्रभाव पड़े, आपके आसपास किस तरह की सांस्कृतिक वास्तविकताएं थीं, ये सभी प्रभाव आपके भीतर गए हैं। कोई दूसरा व्यक्ति अलग होता है क्योंकि उसके अंदर गई जानकारी अलग प्रकार की थी। यही कर्म बंधन है। यह सूचना, यह जानकारी पारंपरिक रूप से कर्म बंधन या कर्म शरीर या कारण शरीर कहलाती है, वह जो जीवन का कारण बनती है।

कर्म बंधन के विभिन्न प्रकार

ये सूचनाएं कई अलग-अलग स्तरों पर होती हैं। इसके चार आयाम हैं, जिनमें से दो अभी प्रासंगिक नहीं हैं। सही ढंग से समझने के लिए हम बाकी के दो के बारे में बात कर सकते हैं। एक है संचित कर्म। ये एक तरह से कर्म बंधनों का भंडार है जिसमें एक कोशिकीय जीव और निष्प्राण पदार्थों तक के भी कर्म शामिल हैं अर्थात वहा तक, जहां से जीवन विकसित हुआ है। सभी सूचनाएं वहां जमा हैं। अगर आप अपनी आंखें बंद कर लें, पर्याप्त मात्रा में जागरूक हो जाएं और अपने अंदर देखें तो आप को ब्रह्मांड की प्रकृति का पता चल जाएगा,इसलिए नहीं कि आप अपने दिमाग के माध्यम से देख रहे हैं, बल्कि इसलिए कि इन सारी सूचनाओं ने ही आपके शरीर का निर्माण किया है। यह शरीर सृष्टि की रचना के समय से लेकर आज तक की सूचनाओं का भंडार है। ये आप का संचित कर्म है, लेकिन इस भंडार से आप खुदरा कारोबार नहीं कर सकते। ऐसे कारोबार को करने के लिए आप के पास एक दुकान होनी चाहिए। वो, जो इस जीवन के लिए खुदरा दुकान है उसे ही ‘प्रारब्ध’ कहते हैं। प्रारब्ध वह सूचनाएं हैं जो आपको इस जीवन के लिए प्रदान की गई हैं। आप के जीवन में कितना कंपन है, किस स्तर की हलचल है, उसके हिसाब से जीवन अपने लिए आवश्यक सूचनाएं निर्धारित करता है। सृष्टि अत्यंत करुणामय है। अभी भी बहुत से लोग अपने इस जीवन की स्मृतियों से ही कष्ट में रहते हैं।


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