कांगड़ा में 300 स्वास्थ्य कर्मियों के पद खाली

By: Nov 20th, 2019 12:20 am

स्टाफ की तैनाती न होने से कई स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद, कहीं, दो-दो केंद्रों में सेवाएं दे रहे कर्मचारी

कांगड़ा –हिमाचल प्रदेश में बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य  कार्यकर्ताओं की नियुक्ति का मसला अहम है। दीगर है की इन पदों के पद प्रदेश में खाली पड़े हैं, लेकिन नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं । जिला कांगड़ा में 435 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं मगर बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पुरुषों के 300 के लगभग पद रिक्त पड़े हैं । जहां तक प्रदेश की बात है,, तो पुरुषों के कुल स्वीकृत 2064 पदों में से 1450 के करीब पद रिक्त है और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के कुल  2271 पदों में से 663 पद रिक्त हैं। हाल यह है कि हिमाचल प्रदेश में बहुत से उपस्वास्थ्य केंद्रों में एक-एक कार्यकर्ता भी नहीं है और कई उपस्वास्थ्य केंद्र महीनों से बंद पड़े हुए है। बताया जाता है कि बहुत से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को दो-दो, तीन-तीन  स्वास्थ्य उपकेंद्र का कार्यभार दिया गया है । इस वर्ग का कहना है कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रिक्त पदों को शीघ्र भरा जाए, जिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में महिला और पुरुष  स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के पद सृजित नहीं हैं, वहां पर पद सृजित किए जाएं, क्योंकि अधिकतर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता 30 से 35 वर्ष सेवा करने के उपरांत बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहीं है ।  सहायक मलेरिया अधिकारी के पदों की डीपीसी शीघ्र की जाए और खंड स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक  के पद सृजित किए जाएं और जो स्वास्थ्य कार्यकर्ता 30 से 35 वर्ष की सेवा के उपरांत बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उन्हें अन्य वर्ग के आधार पर एक वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाए । अनुबंध पर कार्यरत महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को वर्दी भत्ता और निश्चित यात्रा भत्ता दिया जाए, क्योंकि यह कार्यकर्ता भी वर्दी पहनते है और फील्ड टूअर भी करते है। विभागीय प्रशिक्षण सस्थानों को दोबारा शुरू किया जाए। बताया जाता है कि पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 80 पद भरने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, मगर  आज तक कोई भी पद भरा नहीं गया है उन रिक्त पदों को शीघ्र भरने की पैरवी यह वर्ग करता है। इस वर्ग का कहना है कि कार्यकर्ताओं तथा बहुद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता के प्रशिक्षण बैच भी शुरू करवाए जाएं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके।  स्वास्थ्य विभाग में ग्रामीण स्तर पर इतने पद रिक्त पड़े हुए हैं पर वर्ष 2000 के बाद महज 57 ार्यकर्ताओं की ही नियुक्ति हुई है। हिमाचल के अपने सरकारी क्षेत्र में छह ट्रेनिंग स्कूल 2000 से बंद पड़े हैं, जिनमें धर्मशाला भी एक है।


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