कुंभ हादसे के शिकारों को मिले न्याय
हरिद्धार नागरिक मंच ने दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की उठाई मांग
हरिद्धार – उत्तराखंड के हरिद्धार में आयोजित होने वाले 2021 के महाकुंभ को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं, लेकिन वर्ष 2010 के कुंभ के मुख्य स्नान पर्व पर यहां एक अखाड़े के नामी संत की गाड़ी से कुचल कर मारे गए लोगों को नौ साल बाद भी इनसाफ नहीं मिल पाया है। सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांगी गई सूचना से इसका खुलासा हुआ है। हरिद्धार में 2021 में आयोजित होने वाले महाकुंभ को लेकर मेला एवं पुलिस प्रशासन कितना संवेदनशील है, इसका पता इस बात से चलता है कि पिछले कुंभ और अर्द्धकुंभ के संबंध में सूचना के अधिकार के अंतर्गत मांगी गई सूचनाओं का उनके पास संतोषजनक जवाब नहीं है। सूचना के अंतर्गत मांगी गई थी कि 2010 के महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटनाओं के संबंध में दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई हई और पुलिस जांच में किसे दोषी ठहराया गया है। इसमें में जांच आख्या भी मांगी गई थी। कुंभ में हुई लापरवाही और भीड़ पर जीप चढ़ाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध नौ साल बाद भी पुलिस न तो ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों के खिलाफ कोई ठोस रिपोर्ट बना पायी है और न ही भीड़ में जीप ले जाने वाले साधु संतों के खिलाफ ही कोई आरोप पत्र दाखिल कर पाई है। गौरतलब है कि 2010 के महाकुंभ में हरिद्वार के ललतारौ पुल के पास मुख्य स्नान पर्व पर संतो का काफिला पुलिस के तीन चक्रीय घेरे को तोड़ता हुआ भीड में जा घुसा था। महामण्डलेश्वर पायलट बाबा के काफिले की जीप ने भीड़ में चढ़ गई। इन्ही वाहनों में पायलट बाबा भी सवार थे। इस घटना के बाद भगदड़ मच गदग् और कई लेग भीड़ में दब कर मर गए। इस भगदड़ में पुल की रेलिंग भी टूट गई और कई लोग गंगा जी में गिर गए। हरिद्वार नागरिक मंच ने इस मामले की जांच कर दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
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