खतरे के आकलन के आधार पर दी जाये एसपीजी सुरक्षा : कांग्रेस

By: Nov 27th, 2019 7:55 pm

नई दिल्ली – विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर पूर्व प्रधानमंत्रियों तथा उनके परिवारों को विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) सुरक्षा के नियमों में राजनीतिक कारणों से बदलाव करने का आरोप लगाते हुये बुधवार को कहा कि एसपीजी सुरक्षा खतरे के आकलन के आधार पर दी जानी चाहिये तथा सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों को यह सुरक्षा आजीवन मिलनी चाहिये। विशेष सुरक्षा दल (संशोधन) विधेयक, 2019 पर लोकसभा में चर्चा की शुरुआत करते हुये कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के पद से हटने के बाद तत्कालीन सरकार ने उनकी एसपीजी सुरक्षा समाप्त कर जो गलती की थी उसके परिणाम स्वरूप एक आतंकवादी हमले में उनकी जान गयी। उस समय की सरकार ने तर्क दिये थे कि एसपीजी के पास इतने जवान तथा इतनी क्षमता नहीं है कि वह इतनी बड़ी संख्या में विशेष लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सके। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार भी आज वही तर्क देकर नियमों में बदलाव करना चाहती है। श्री तिवारी ने कहा कि एसपीजी ने जून 2019 तक पत्र लिखकर स्वर्गीय राजीव गाँधी की पत्नी सोनिया गाँधी और उनके पुत्र श्री राहुल गाँधी को बार-बार पत्र लिखकर आगाह किया कि उनकी जान को खतरा बढ़ रहा है। ऐसे में इन पाँच महीनों में ऐसा क्या बदल गया कि पहले बिना कानूनों बदलाव किये ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, श्रीमती गाँधी और श्री राहुल गाँधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गयी।

विधेयक में प्रावधान किया गया है कि एसपीजी सुरक्षा सिर्फ पदासीन प्रधानमंत्री और उनके आधिकारिक आवास में उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों तथा पद से हटने के बाद पाँच साल तक पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके आधिकारिक आवास में उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों को दी जायेगी। अभी पूर्व प्रधानमंत्री तथा उनके परिवार के सदस्यों को पद से हटने के बाद एक साल तक एसपीजी सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान है, लेकिन साथ ही खतरे के आँकलन के आधार पर इसे आगे भी जारी रखने की भी व्यवस्था है। इसी आधार पर श्री सिंह, श्रीमती गाँधी और श्री राहुल गाँधी को यह सुरक्षा मिली हुई थी। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि सरकार को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों तथा उनके परिवारों के लिए आजीवन एसपीजी सुरक्षा की व्यवस्था करनी चाहिये। उन्होंने वर्मा समिति की रिपोर्ट का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि श्री राजीव गाँधी को एसपीजी सुरक्षा देना जारी रखा जाता तो उनकी हत्या नहीं होती। उन्होंने कहा कि श्रीमती इंदिरा गाँधी और श्री राजीव गाँधी के अलावा दुनिया के कई अन्य देशों में भी पदासीन या पूर्व राष्ट्राध्यक्षों की हत्या पद पर रहते हुये उनके द्वारा लिये गये निर्णयों के कारण हो चुकी है। अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देश हैं जहाँ पूर्व राष्ट्राध्यक्षों एवं उनके परिवारों को विशेष सुरक्षा मिली हुई है।

 


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