गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी पहुंचे श्री श्री रविशंकर

By: Nov 25th, 2019 12:02 am

विश्वविद्यालय परिसर में  50वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया, प्रतिष्ठित हस्तियों ने की शिरकत

अमृतसर – गुरु नानक देव विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न स्थानों पर 50वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया, जिसमें शिक्षाविदों, विद्वानों, छात्रों और प्रतिष्ठित हस्तियों ने इन समारोहों में भाग लिया। विश्वविद्यालय द्वारा बड़े मैदान में गुरु का लंगर की व्यवस्था की।  इस अवसर पर मुख्यातिथि श्री श्री रविशंकर और श्री चिरंजीव सिंह, आईएएस (सेवानिवृत्त) भारत के पूर्व राजदूत, यूनेस्को, पेरिस कुलपति प्रोजसपाल सिंह संधू प्रो. एसएस बहल, डीन अकादमिक  प्रो. केएस  काहलों, रजिस्ट्रार प्रो. अनीश दुआ, सांसद गुरजीत सिंह औजला, बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति और छात्र उपस्थित थे। श्री श्री रविशंकर ने कहा कि  देश के अस्तित्व में पंजाब के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि पंजाब पांच नदियों की भूमि है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि यह छठी नदी की भूमि है और इस छठी नदी को  ज्ञान की नदी कहा जा सकता है जो 550 साल पहले बहती थी, जब गुरु नानक ने इस भूमि को आशीर्वाद दिया था।  उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व के 550वें दिन पर असली श्रद्धांजलि दुनिया तक ज्ञान की नदी को पहुंचाने के लिए विभिन्न भाषाओं में अनुवाद करके गुरबाणी का प्रचार करके मानवता की सेवा करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब गुरु नानक आ, थे तब रूढि़वाद, लिंग असमानता और रूढि़वादी समाज के साथ मूल्यों के हृस जैसी बहुत सारी बुराइयां थीं। उन्होंने एकता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज जो भी वैज्ञानिक खोजने में संघर्ष कर रहे हैं, उसका प्रचार गुरु नानक देव जी ने कई साल पहले किया था। उन्होंने कहा कि सभी को शांति की खोज करने के बजाय प्रतिदिन कुछ मिनट के लिए ध्यान केंद्रित करना चाहिए और ध्यान करना चाहिए ताकि मन आत्मा में वापस आ जाए और एक हो जाए।  उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने सामाजिक जीवन में रहते हुए ज्ञान को अनुभव में लाया। श्री चिरंजीव सिंहए ने कहा कि इस धरती पर गुरु नानक देव जी का अवतार मानवता के लिए वरदान था।  लोकगीत प्रदर्शनी और चित्रकला प्रदर्शनी मुख्य आकर्षण थे।  शाम को विश्वविद्यालय गुरुद्वारा साहिब में विशेष कीर्तन दरबार आयोजित किया गया। उसके बाद लंगर का आयोजन किया गया।


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