चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर लोकसभा में कांग्रेस का हँगामा

By: Nov 21st, 2019 1:31 pm
 

विपक्षी दल कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड के दुरुपयोग और सरकारी कंपनियों के विनिवेश के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुये गुरुवार को लोकसभा में हंगामा किया और बाद में सदन से बहिर्गमन किया जबकि सरकार ने अपना बचाव करते हुये कहा कि उस पर आज तक भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है।कांग्रेस के मनीष तिवारी ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुये कहा कि रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग के विरोध के बावजूद सरकार ने चुनावी बॉन्ड जारी कर “सरकारी भ्रष्टाचार” को अमली जामा पहनाया। उन्होंने कहा “सरकार के अज्ञात चुनावी बॉन्ड जारी करने से सरकारी भ्रष्टाचार को अमली जामा पहनाया गया। इसमें न तो चंदा देने वाले का, न चंदे की राशि के स्रोत का और न ही चंदा पाने वाले का पता होता है। पहले सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी बॉन्ड जारी करने का प्रावधान था, लेकिन कर्नाटक चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री कार्यालय के आदेश पर…।”इसके बाद अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें यह कहकर रोक दिया कि वे किसी का नाम नहीं ले सकते। श्री तिवारी ने कहा कि उनके पास इसके साक्ष्य के रूप में दस्तावेज हैं जिन्हें वे सदन के पटल पर रख सकते हैं। इस पर श्री बिरला ने कहा कि वह कागजात सदन के पटल पर रख दें जिस पर वह विचार करेंगे।श्री तिवारी की पूरी बात नहीं सुने जाने पर कांग्रेस तथा वामदलों के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
इससे पहले प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह मुद्दा उठाने की कोशिश की जिस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्षी सदस्य जो भी मुद्दा उठाना चाहते हैं अध्यक्ष उन्हें शून्यकाल में उठाने दें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सदस्य हर दिन कार्यस्थगन प्रस्ताव दे देते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार या स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आज तक भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है।

 


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