जंक फूड से बिगड़ता युवा स्वास्थ्य

By: Nov 19th, 2019 12:05 am

प्रो. मनोज डोगरा

लेखक, हमीरपुर से हैं

जंक फूड को कभी भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है, इन्हें सभी तरीकों से बेकार साबित कर दिया गया है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बेकार होते हैं और वे व्यक्ति जो नियमित रूप से इनका सेवन करते हैं, वे बहुत सी बीमारियों को आमंत्रित करते हैं। इनसे हृदय संबंधी बीमारियां, कैंसर, समय से पहले अधिक आयु का लगना, उच्च रक्तचाप, हड्डियों की समस्याएं, मधुमेह , मानसिक रोग, पाचन तंत्र की समस्याएं, लिवर संबंधित समस्याएं, ब्रेस्ट कैंसर आदि बहुत सी बीमारियां होती हैं…

आधुनिक समाज में फास्ट फूड हमारे जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। समय के लिए सुविधा और जल्दी के कारण, हम में से कई अब हमारे भोजन के लिए फास्ट फूड पर निर्भर हैं। आमतौर पर जंक फूड देखने में बहुत ही आकर्षक और स्वादिष्ट लगते हैं और सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा इन्हें पसंद भी किया जाता है, लेकिन वास्तव में जंक फूड स्वास्थय के लिए काफी हानिकारक होते हैं। इसलिए वह जितने आकर्षक दिखते हैं वास्तव में अंदर से उतने ही विपरीत होते हैं। जंक फूड को कभी भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है, इन्हें सभी तरीकों से बेकार साबित कर दिया गया है। जंक फूड स्वास्थ्य के लिए बहुत ही बेकार होते हैं और वे व्यक्ति जो नियमित रूप से इनका सेवन करते हैं, वे बहुत सी बीमारियों को आमंत्रित करते हैं। इनसे हृदय संबंधी बीमारियां, कैंसर, समय से पहले अधिक आयु का लगना, उच्च रक्तचाप, हड्डियों की समस्याएं, मधुमेह , मानसिक रोग, पाचन तंत्र की समस्याएं, लिवर संबंधित समस्याएं, ब्रेस्ट कैंसर आदि बहुत सी बीमारियां होती हैं। शोध के अनुसार यह पाया गया है कि युवा अवस्था बहुत ही संवेदनशील आयु होती है, जिसके दौरान एक व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य वर्धक भोजन करना चाहिए। क्योंकि इस आयु के दौरान वयस्क आयु वर्ग की ओर अग्रसर होने के कारण शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं। जंक फूड क्या होता है? अगर आसान शब्दों में हम जंक फूड का वर्णन करें तो यह मनुष्य के शरीर के लिए लाभदायक कम और हानिकारक ज्यादा है। जंक फूड तेजी से वजन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ होते हैं और पूरे जीवन भर शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। यह एक व्यक्ति के वजन को काफी बढ़ा देता है, जिसके कारण व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त हो जाता है। जंक फूड का स्वाद अच्छा होता है और ये दिखने में भी अच्छे होते हैं हालांकि, शरीर में स्वस्थ कैलोरी की आवश्यकता को पूरा नहीं करता है। कुछ भोजन जैसे- फ्रेंच फ्राइस, तला हुआ भोजन, पिज्जा, बर्गर, कैंडी, कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम आदि उच्च स्तर के वसा और शुगर वाले हैं। केंद्रीय बीमारी नियंत्रक और निरोधक केंद्र के अनुसार यह पाया गया है कि जो बच्चे और किशोर जंक फूड खाते हैं उन्हें अलग-अलग तरह का मधुमेह ‘डायबिटिज’ होता है। ये अलग-अलग तरह का मधुमेह शरीर में नियमित शुगर स्तर को नियमित करने में सक्षम नहीं होता। इस बीमारी का बढ़ना मोटापे और अधिक वजन के जोखिम को बढ़ाता है। यह किडनी ‘गुर्दों’ के फेल होने के जोखिम को भी बढ़ाता है। जंक फूड खाने के दुष्परिणाम- प्रतिदिन जंक फूड खाना हमारे शरीर को पोषण की कमी की ओर ले जाता है। इनमें आवश्यक पोषण, विटामिन, आयरन, खनिज आदि पोषक तत्त्वों की कमी होती है। यह हृदय संबंधी घातक बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाता है क्योंकि इसमें वसा, सोडियम, बैड कालेस्ट्रॉल आदि की अधिकता होती है। एक व्यक्ति जो अधिक जंक फूड खाता है, उसका वजन बढ़ने का खतरा बना रहता है। जंक फूड में उच्च स्तर का कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो खून में तेजी से शुगर के स्तर में वृद्धि और व्यक्ति को आलसी बनाता है। इस तरह के भोजन को नियमित खाने वाले व्यक्ति का प्रतिबिंब और संवेदन अंग दिन प्रतिदिन बेजान होते जाते हैं। इस प्रकार, वे बहुत ही सुस्त जीवन जीते हैं। जंक फूड कब्ज और अन्य बीमारियों जैसे मधुमेह, हृदय रोग, हार्ट-अटैक आदि का स्रोत है, जो खराब पोषण के कारण होती हैं। इस प्रकार की बीमारियों से अगर युवाओं को बचाना है तो इन बाजारों मे बिक रहे जहर यानी जंक फूड पर जल्द ही प्रतिबंध लगाना होगा। एक शोध के अनुसार, दुनिया की 30 फीसदी से ज्यादा आबादी मोटापे का शिकार है। शोध में कहा गया है कि लोग ऐसा खाने ले रहे हैं जो उनके दिमाग के स्वास्थ्य के लिए घातक है। बच्चे और किशोर अधिक मात्रा में नियमित आधार पर अधिक जंक फूड खाते हैं और जिसके कारण उनका वजन बढ़ता है और हृदय और लीवर की बहुत सी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार के बच्चों को कम उम्र में ही शरीर में अधिक शुगर के एकत्र होने के कारण मधुमेह ‘डायबिटीज’ और आलस्य जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जंक फूड में उच्च स्तरीय सोडियम खनिज के होने के कारण उनका रक्तदाव उच्च होता है।  बच्चों और किशोरों को अभिभावकों द्वारा बचपन में ही अच्छी आदतों को विकसित करना चाहिए। माता-पिता को अपने बच्चों की खाने-पीने की आदतों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि बचपन में बच्चे सही और गलत को न ही जानते हैं और न ही उसका निर्णय कर पाते हैं। इसलिए वे अभिभावक ही होते हैं, जो बच्चों में सही और गलत आदतों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होते हैं। उन्हें बचपन से ही अपने बच्चों को खाने की आदतों के बारे में सिखाना चाहिए, साथ ही स्वास्थ्यवर्धक भोजन और जंक फूड में अंतर को स्पष्ट करना चाहिए। जंक फूड व फास्ट फूड जिस प्रकार जल्दी बन जाता है उसी प्रकार ये व्यक्ति को मारने में भी जल्दी ही करते हैं। फास्ट फूड की दुकान खोलकर लोग करोड़पति बन गए, यह काम इतना बढ़ता जा रहा है कि रोज नई दुकानें खुल रही हैं, लेकिन इन बातों को छोड़कर हमें इसके दुष्प्रभावों को समझ कर इनका प्रयोग सीमित कर देना चाहिए, खासकर बच्चों व युवाओं को तो इनसे दूर रखना चाहिए, क्योंकि इनके सेवन से आजकल बच्चों को भी हार्ट अटैक जैसी बीमारियां लग रही हैं। यह सुनने में ही अजीब लगता है कि बच्चों को हार्ट अटैक। इसलिए समाज में इनके दुष्प्रभावों को उजागर करना चाहिए तथा जागरूकता रैलियां निकाल कर इनके प्रयोग पर सीमा लगानी चाहिए, अन्यथा युवा व बच्चे अपना बुढ़ापा नहीं देख पाएंगे।  


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