जमानत याचिकाओं के लंबित होने पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जताया खेद

By: Nov 4th, 2019 1:55 pm

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (फाइल फोटो-IANS)जमानत के मामलों के लंबित होने पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सख्त टिप्पणी की. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि कोई आखिर क्यों लंबे समय तक जेल में रहे, जब कोर्ट मामले का निपटारा करने में देरी करे? जमानत याचिका लंबे समय तक लंबित रखना मुख्य समस्या है. चीफ जस्टिस ने लंबित मुकदमों को लेकर खेद जताया.सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत दिशा निर्देश बनाने के लिए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ वकील आरएस सोढ़ी को असिस्ट करने को कहा.दरअसल, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने ये टिप्पणी इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान कही. चीफ जस्टिस ने इस बात पर भी गौर किया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट उन अपील पर सुनवाई कर रहा है जो 25 साल पुराने हैं.बता दें इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने बड़ी तादाद में सुनवाई के लिए लिस्टेड मामलों को लेकर पर नाखुशी जताई थी. कोर्ट ने कहा कि 31 जज हैं और उनके सामने 40 हजार मामले लंबित हैं. उन्होंने कहा था कि मामलों को दर्ज करने को लेकर व्यवस्था बना दी गई है, इसके बावजूद बिना अर्जेंसी के मेंशन होने वाले मामलों की संख्या में कमी नहीं दिख रही. हाइकोर्ट्स में भी लंबित मामलों का बोझ है.गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट मामलों को तेजी से निपटाने की कोशिश जुटी हुई है. मामलों को जल्दी निपटान के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा था जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की संख्यां बढ़ाने का अनुरोध किया गया था. साथ ही उन्होंने जजों के रिटारयमेंट की उम्र को भी बढ़ाने की बात कही थी. ताकि लंबित मामलों को निपटाया जा सके.


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