पांच दिसंबर को संसद घेरेंगे मजदूर

By: Nov 15th, 2019 12:01 am

मंडी में निर्माण कर्मी फेडरेशन की कन्वेंशन में संगठन ने लिया निर्णय, सरकार के फैसले का किया कड़ा विरोध

मंडी – हिमाचल प्रदेश निर्माण कर्मी फेडरेशन की कन्वेंशन मंडी में आयोजित की गई और पांच दिसंबर, 2019 के संसद मार्च के लिए पूरे राज्य से निर्माण कर्मियों को दिल्ली मार्च में शामिल करने के लिए योजना बनाई गई। राज्य सचिव प्रेम गौतम व राज्य अध्यक्ष रविंद्र कुमार ने बताया कि निर्माण के क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की संख्या करोड़ों में है। लंबे संघर्ष के बाद आजादी के 49 सालों बाद 1996 में निर्माण मजदूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा का कानून बनाया गया, जिसमें मजूदरों को कई प्रकार के अधिकार व लाभ दिए गए हैं, लेकिन अब केंद्र सरकार इन्हें खत्म करने की तैयारी में है।  संगठन केंद्र सरकार के इस मजदूर विरोधी कदम का पुरजोर विरोध किया है और कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सुविधाएं बचाने हेतु एक करोड़ हस्ताक्षर वाला ज्ञापन लोकसभा अध्यक्ष को सौंपने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही मजदूर पांच दिसंबर, 2019 को संसद मार्च करेंगे। दिल्ली मार्च को कामयाब करने के लिए 25 नवंबर से  जागरण जत्थे शुरू किए जाएंगे, जो श्रमिकों उनके परिवारजनों को जागरूक करते हुए हिमाचल के विभिन्न जिलों से होते हुए चार दिसंबर को दिल्ली पहुंचेंगे। बैठक में सह सचिव राजेश शर्मा, राज्य कमेटी सदस्य बाबूराम, अजय दुलटा, राजेश ठाकुर और मोहित के अलावा हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों से प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

चार करोड़ लाभार्थियों के पंजीकरण होंगे रद्द

सरकार सामाजिक सुरक्षा पर मौजूदा अधिनियम-14 को समाजिक सुरक्षा और कल्याण के कोड में विलय करने की तैयारी में है। इससे राज्यों के 36 कल्याण बोर्ड बंद हो जाएंगे और चार करोड़ पंजीकृत लाभार्थियों के पंजीकरण रद्द हो जाएंगे। इन कल्याण बोर्ड  में 42000 करोड़ जमा हुए और केवल 12000 करोड़ वितरित हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की नजर इस धन पर है, जिसके चलते वह इस कानून को खत्म करने पर उतारू है। इसलिए संगठन ने इसका कड़ा विरोध करने का निर्णय लिया है। संगठन का मानना है कि सरकार का यह कदम मजदूर विरोधी है और इसे वापस लेना चाहिए।


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